प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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{[[जामिनी राय]] ने किस शैली से प्रेरणा ली? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-74 | {[[जामिनी राय]] ने किस शैली से प्रेरणा ली? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-74 | ||
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||[[जामिनी राय]] ने बंगाल की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया। | ||[[जामिनी राय]] ने बंगाल की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया। | ||
{उस उत्तर प्रभाववादी चित्रकार का नाम बताइए जिसने ताहिती में चित्रण-कार्य किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-47 | {उस उत्तर प्रभाववादी [[चित्रकार]] का नाम बताइए जिसने ताहिती में चित्रण-कार्य किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-47 | ||
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-मातिस | -मातिस | ||
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-वान गॉग | -वान गॉग | ||
+पॉल गॉगिन | +पॉल गॉगिन | ||
||पॉल गॉगिन 1891 ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति-रिवाजों के अनुसार अपना विवाह किया और वहां चित्रण-कार्य किया। गोगॉ ने लिखा है- "यहां में आनंदित हूं, शांति व कला पर जीवित रह रहा हूं, एवं आस-पास ऐसी शक्तियों के अस्तित्व को अनुभव कर रहा हूं जो मुझसे बहुत प्यार करती हैं"। | ||पॉल गॉगिन [[1891]] ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति-रिवाजों के अनुसार अपना विवाह किया और वहां चित्रण-कार्य किया। गोगॉ ने लिखा है- "यहां में आनंदित हूं, शांति व कला पर जीवित रह रहा हूं, एवं आस-पास ऐसी शक्तियों के अस्तित्व को अनुभव कर रहा हूं जो मुझसे बहुत प्यार करती हैं"। | ||
{चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42 | {चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42 | ||
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-चित्र को उभारती है। | -चित्र को उभारती है। | ||
+उक्त सभी। | +उक्त सभी। | ||
||चित्र के माध्यम से चित्रकार कैनवस पर संस्कृति और सामयिक अभिव्यक्ति को उकेरता है। चित्र वस्तुत: सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक विशिष्ट अंग है। चित्र रेखा आकृति को रूप देती है, चित्र को उभारती है और उसमें प्रवाह पैदा करती है। | ||चित्र के माध्यम से [[चित्रकार]] कैनवस पर संस्कृति और सामयिक अभिव्यक्ति को उकेरता है। चित्र वस्तुत: सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक विशिष्ट अंग है। चित्र रेखा आकृति को रूप देती है, चित्र को उभारती है और उसमें प्रवाह पैदा करती है। | ||
{'भारत कला भवन' के संस्थापक निर्देशक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-100 | {'भारत कला भवन' के संस्थापक निर्देशक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-100 | ||
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-मदन मोहन मालवीय | -[[मदन मोहन मालवीय]] | ||
+रायकृष्ण दास | +[[रायकृष्ण दास]] | ||
-शिवराम मूर्ति | -शिवराम मूर्ति | ||
-वासुदेव शरण अग्रवाल | -[[वासुदेव शरण अग्रवाल]] | ||
||भारत कला भवन का उद्विकास जनवरी, 1920 में हुआ। यह वाराणसी में स्थित है। इसके प्रथम अध्यक्ष महान कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] तथा उपाध्यक्ष उनके भतीजे शिल्पाचार्य | ||भारत कला भवन का उद्विकास [[जनवरी]], [[1920]] में हुआ। यह [[वाराणसी]] में स्थित है। इसके प्रथम अध्यक्ष महान कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] तथा उपाध्यक्ष उनके भतीजे शिल्पाचार्य [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] थे। इसके विकास का श्रेय [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित [[रायकृष्ण दास|स्व. रायकृष्ण दास]] को जाता है। | ||
{ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66 | {ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66 | ||
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-गायन से | -गायन से | ||
+एनीमेशन से | +एनीमेशन से | ||
||ऐरेना 'एनीमेशन' से संबंधित हैं। ऐरेना, एनीमेशन वेब डिजाइनिंग, | ||ऐरेना 'एनीमेशन' से संबंधित हैं। ऐरेना, एनीमेशन वेब डिजाइनिंग, फ़िल्म निर्माण और मल्टीमीडिया शिक्षण का संस्थान है। | ||
{निम्न में से एक त्रिआयामी कला है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-44 | {निम्न में से एक त्रिआयामी कला है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-44 | ||
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-लिपिकला | -लिपिकला | ||
||रिलीफ दोआयामी सचित्र कला एवं त्रिआयामी [[मूर्तिकला]] का एक संयोजन है। इस प्रकार रिलीफ एक पृष्ठभूमि की सतह पर निर्भर होती है। एक मूर्ति की तरह रिलीफ भी त्रिआयामी डिग्री होती है। | ||रिलीफ दोआयामी सचित्र कला एवं त्रिआयामी [[मूर्तिकला]] का एक संयोजन है। इस प्रकार रिलीफ एक पृष्ठभूमि की सतह पर निर्भर होती है। एक मूर्ति की तरह रिलीफ भी त्रिआयामी डिग्री होती है। | ||
{प्रसिद्ध चित्र 'मोनालिसा' किस देश के कलाकार की कृती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-42 | |||
|type="()"} | |||
-[[अमेरिका]] | |||
-[[स्पेन]] | |||
+[[इटली]] | |||
-[[इंग्लैंड]] | |||
||मोनालिसा इटैलियन चित्रकार [[लियोनार्डो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह [[पेरिस]] के लूव्र संग्रहालय में है। | |||
{'मैरिज ऑफ़ वर्जिन' चित्रण किसके द्वारा चित्रित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-46 | |||
|type="()"} | |||
-[[लियोनार्डो दा विंची]] | |||
-टर्नर | |||
-ड्यूरर | |||
+राफेल | |||
||'द मैरिज ऑफ़ वर्जिन' का तैल चित्र चरम पुनरुत्थानवादी (High Renaissance) [[चित्रकार]] राफेल (Raphael) ने चित्रित किया था। राफेल को 'डिवाइन पेंटर' कहा जाता है। | |||
{किस [[चित्रकार]] ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-58 | |||
|type="()"} | |||
+वान गॉग ने | |||
-गॉगिन ने | |||
-डाली ने | |||
-लौत्रेक ने | |||
||उत्तर प्रभाववादी [[चित्रकार]] विंसेंट वान गॉग ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था। | |||
{'लीथोग्राफी' किस कला की विधा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-78 | |||
|type="()"} | |||
-ग्लास पेंटिंग | |||
-म्यूरल पेंटिंग | |||
+फ्राफिक कला | |||
-कंम्यूटर कला | |||
||जुल्स चर्ट लिथोग्राफिक पोस्टरों के लिए विख्यात हैं। जुल्स चर्ट को 'रंग लिथोग्राफ का पिता' तथा 'पोस्टर कला' के लिए जाना जाता है। इन्हें आधुनिक विज्ञापन के लिए 'मास्टर' कहा जाता है। उनकी पेंटिंग्स व्यावसायिक कला के दायरे से बाहर थी। वे अपने साथी कलाकारों देगा तथा माने की कला से प्रभावित थे। लीथोग्राफी, ग्राफिक कला की एक विधा है। | |||
{'आधुनिक कला का पिता' किसे कहा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-70 | |||
|type="()"} | |||
+सेजां | |||
-पिकासो | |||
-माने | |||
-मोने | |||
||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। [[चित्रकार]] सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार [[प्रभाववाद]] से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए। | |||
{इनका परिप्रेक्ष्य सिद्धांत में महत्त्व है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-168,प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-दूरी और नैकट्य | |||
-प्रकाश और रंग | |||
-विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा | |||
+उपरोक्त सभी | |||
||दूरी और नैकट्य, [[प्रकाश]] और [[रंग]] तथा विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेख, तीनों का विभिन्न कला सिद्धांतों में महत्त्व है। यदि द्विआयामी अंतराल में गहराई का विचार करने पर त्रिआयामी अंतराल की सृष्टि हो जाती है, तो इसे 'परिप्रेक्षीय अंतराल' कहते हैं। इससे वस्तुओं में निकटता, दूरी या घनत्व का भाव पैदा होता है। त्रिआयामी अंतराल को प्रभावित करने वाली विधियां हैं- 1.विकर्ण संयोजन, 2.अपराच्छादित तल, 3.आकार भिन्नता, 4.छाया-प्रकाश, 5.वायुमंडलीय प्रभाव, 6.ज्यामितिक रूपयोजना। | |||
{[[सुमित्रानन्दन पंत]] को किस रचना के लिए [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]] मिला था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-184,प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-यामा | |||
-ययाति | |||
+चिदम्बरा | |||
-गणदेवता | |||
||[[सुमित्रानन्दन पंत]] कवि थे। वे [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म [[20 मई]], [[1900]] में [[कौसानी]] (वर्तमान [[उत्तराखंड]]) में तथा [[28 दिसंबर]], [[1977]] में [[इलाहाबाद]] में निधन हो गया। | |||
{किस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार दो बार मिला? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-49 | |||
|type="()"} | |||
+मैडम क्यूरी | |||
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | |||
-हेनरी ड्यूनेन्ट | |||
-गैरी बाल्डी | |||
||मैडम क्यूरी की वर्ष [[1903]] में भौतिकी के लिए अपने पति के साथ रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए और वर्ष [[1911]] में रसायन शास्त्र में रेडियम तत्त्वों की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। वर्ष [[1913]] में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] को साहित्य का नोबेल मिला था। वर्ष [[1901]] में हेनरी ट्यूनेन्ट व फ्रेडरिक पैसी (Passy) को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल मिला था जबकि गैरी बाल्डी को नोबेल पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ है। | |||
{'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' किसने लिखा था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-206,प्रश्न-157 | |||
|type="()"} | |||
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | |||
+विलियम शेक्सपियर | |||
-[[थॉमस ग्रे]] | |||
-विलियम वर्डसवर्थ | |||
||'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' एक हास्य नाटक है जो यहूदी और ईसाई व्यापारियों पर आधारित है। यह विलियम शेक्सपियर द्वारा 1597 ई. में लिखी गई। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
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Revision as of 11:46, 22 December 2017
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