प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
कविता भाटिया (talk | contribs) No edit summary |
कविता भाटिया (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 19: | Line 19: | ||
-वान गॉग | -वान गॉग | ||
+पॉल गॉगिन | +पॉल गॉगिन | ||
||पॉल गॉगिन [[1891]] ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति- | ||पॉल गॉगिन [[1891]] ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति-रिवाज़ो के अनुसार अपना [[विवाह]] किया और वहां चित्रण कार्य किया। गोगॉ ने लिखा है- "यहाँ में आनंदित हूं, शांति व कला पर जीवित रह रहा हूं, एवं आस-पास ऐसी शक्तियों के अस्तित्व को अनुभव कर रहा हूं जो मुझसे बहुत प्यार करती हैं"। | ||
{चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42 | {चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42 | ||
Line 27: | Line 27: | ||
-चित्र को उभारती है। | -चित्र को उभारती है। | ||
+उक्त सभी। | +उक्त सभी। | ||
||चित्र के माध्यम से [[चित्रकार]] | ||चित्र के माध्यम से [[चित्रकार]] कैनवास पर संस्कृति और सामयिक अभिव्यक्ति को उकेरता है। चित्र वस्तुत: सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक विशिष्ट अंग है। चित्र रेखा आकृति को रूप देती है, चित्र को उभारती है और उसमें प्रवाह पैदा करती है। | ||
{'भारत कला भवन' के संस्थापक | {'[[भारत कला भवन, वाराणसी|भारत कला भवन]]' के संस्थापक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-100 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मदन मोहन मालवीय]] | -[[मदन मोहन मालवीय]] | ||
Line 35: | Line 35: | ||
-शिवराम मूर्ति | -शिवराम मूर्ति | ||
-[[वासुदेव शरण अग्रवाल]] | -[[वासुदेव शरण अग्रवाल]] | ||
||भारत कला भवन का उद्विकास [[जनवरी]], [[1920]] में हुआ। यह [[वाराणसी]] में स्थित है। इसके प्रथम अध्यक्ष महान कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] तथा उपाध्यक्ष उनके भतीजे शिल्पाचार्य [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] थे। इसके विकास का श्रेय [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित [[रायकृष्ण दास|स्व. रायकृष्ण दास]] को जाता है। | ||[[भारत कला भवन, वाराणसी|भारत कला भवन]] का उद्विकास [[जनवरी]], [[1920]] में हुआ। यह [[वाराणसी]] में स्थित है। इसके प्रथम अध्यक्ष महान कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] तथा उपाध्यक्ष उनके भतीजे शिल्पाचार्य [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] थे। इसके विकास का श्रेय [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित [[रायकृष्ण दास|स्व. रायकृष्ण दास]] को जाता है। | ||
{ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66 | {ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66 | ||
Line 77: | Line 77: | ||
||उत्तर प्रभाववादी [[चित्रकार]] विंसेंट वान गॉग ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था। | ||उत्तर प्रभाववादी [[चित्रकार]] विंसेंट वान गॉग ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था। | ||
{' | {'लीथोग्राफ़िक' किस कला की विधा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-78 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-ग्लास पेंटिंग | -ग्लास पेंटिंग | ||
-म्यूरल पेंटिंग | -म्यूरल पेंटिंग | ||
+ | +फ्राफ़िक कला | ||
-कंम्यूटर कला | -कंम्यूटर कला | ||
||जुल्स चर्ट | ||जुल्स चर्ट लिथोग्राफ़िक पोस्टरों के लिए विख्यात हैं। जुल्स चर्ट को 'रंग लिथोग्राफ़ का पिता' तथा 'पोस्टर कला' के लिए जाना जाता है। इन्हें आधुनिक विज्ञापन के लिए 'मास्टर' कहा जाता है। उनकी पेंटिंग्स व्यावसायिक कला के दायरे से बाहर थी। वे अपने साथी कलाकारों देगा तथा माने की कला से प्रभावित थे। लीथोग्राफ़ि, ग्राफ़िक कला की एक विधा है। | ||
{'आधुनिक कला का पिता' किसे कहा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-70 | {'आधुनिक कला का पिता' किसे कहा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-70 | ||
Line 99: | Line 99: | ||
-विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा | -विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
||दूरी और नैकट्य, [[प्रकाश]] और [[रंग]] तथा विलीयमान बिंदु और क्षितिज | ||दूरी और नैकट्य, [[प्रकाश]] और [[रंग]] तथा विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा, तीनों का विभिन्न कला सिद्धांतों में महत्त्व है। यदि द्विआयामी अंतराल में गहराई का विचार करने पर त्रिआयामी अंतराल की सृष्टि हो जाती है, तो इसे 'परिप्रेक्षीय अंतराल' कहते हैं। इससे वस्तुओं में निकटता, दूरी या घनत्व का भाव पैदा होता है। त्रिआयामी अंतराल को प्रभावित करने वाली विधियां हैं- 1.विकर्ण संयोजन, 2.अपराच्छादित तल, 3.आकार भिन्नता, 4.छाया-प्रकाश, 5.वायुमंडलीय प्रभाव, 6.ज्यामितिक रूपयोजना। | ||
{[[सुमित्रानन्दन पंत]] को किस रचना के लिए [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]] मिला था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-184,प्रश्न-18 | {[[सुमित्रानन्दन पंत]] को किस रचना के लिए [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]] मिला था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-184,प्रश्न-18 | ||
Line 105: | Line 105: | ||
-यामा | -यामा | ||
-ययाति | -ययाति | ||
+चिदम्बरा | +[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | ||
-गणदेवता | -गणदेवता | ||
||[[सुमित्रानन्दन पंत]] कवि थे। वे [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म [[20 मई]], [[1900]] में [[कौसानी]] (वर्तमान [[उत्तराखंड]]) में तथा [[28 दिसंबर]], [[1977]] में [[इलाहाबाद]] में निधन हो गया। | ||[[सुमित्रानन्दन पंत]] कवि थे। वे [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म [[20 मई]], [[1900]] में [[कौसानी]] (वर्तमान [[उत्तराखंड]]) में तथा [[28 दिसंबर]], [[1977]] में [[इलाहाबाद]] में निधन हो गया। | ||
{किस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार दो बार मिला? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-49 | {किस व्यक्ति को [[नोबेल पुरस्कार]] दो बार मिला? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-49 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+मैडम क्यूरी | +मैडम क्यूरी | ||
Line 115: | Line 115: | ||
-हेनरी ड्यूनेन्ट | -हेनरी ड्यूनेन्ट | ||
-गैरी बाल्डी | -गैरी बाल्डी | ||
||मैडम क्यूरी की वर्ष [[1903]] में भौतिकी के लिए अपने पति के साथ रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए और वर्ष [[1911]] में रसायन शास्त्र में रेडियम तत्त्वों की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। वर्ष [[1913]] में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] को साहित्य का नोबेल मिला था। वर्ष [[1901]] में हेनरी ट्यूनेन्ट व फ्रेडरिक पैसी (Passy) को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल मिला था जबकि गैरी बाल्डी को नोबेल पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ है। | ||मैडम क्यूरी की वर्ष [[1903]] में भौतिकी के लिए अपने पति के साथ रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए और वर्ष [[1911]] में रसायन शास्त्र में रेडियम तत्त्वों की खोज के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] मिला था। वर्ष [[1913]] में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] को साहित्य का नोबेल मिला था। वर्ष [[1901]] में हेनरी ट्यूनेन्ट व फ्रेडरिक पैसी (Passy) को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल मिला था जबकि गैरी बाल्डी को नोबेल पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ है। | ||
{'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' किसने लिखा था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-206,प्रश्न-157 | {'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' किसने लिखा था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-206,प्रश्न-157 | ||
Line 123: | Line 123: | ||
-[[थॉमस ग्रे]] | -[[थॉमस ग्रे]] | ||
-विलियम वर्डसवर्थ | -विलियम वर्डसवर्थ | ||
||'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' एक हास्य नाटक है जो यहूदी और ईसाई व्यापारियों पर आधारित है। यह विलियम शेक्सपियर द्वारा 1597 ई. में लिखी गई। | ||'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' एक हास्य नाटक है जो [[यहूदी]] और [[ईसाई]] व्यापारियों पर आधारित है। यह विलियम शेक्सपियर द्वारा 1597 ई. में लिखी गई। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
Revision as of 11:59, 24 December 2017
|