छड़गाँव: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (1 अवतरण) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
==छड़गाँव / Chhadganv== | |||
==छड़गाँव / | *इस स्थान से एक विशाल नाग प्रतिमा प्राप्त हुई थी जो अब [[मथुरा]] संग्रालहय में है। यह लगभग आठ फुट ऊंची है। | ||
इस स्थान से एक विशाल नाग प्रतिमा प्राप्त हुई थी जो अब [[मथुरा]] संग्रालहय में है। यह लगभग आठ फुट ऊंची है। इस पर अंकित एक अभिलेख से सूचित होता है कि महाराजाधिराज [[हुविष्क]] के समय में [[कनिष्क]] संवत् के चालीसवें वर्ष (118 ई0) में सेनहस्ती तथा उसके मित्र ने इस मूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी। इस मूर्ति में नाग की कुंडलियां बड़े वास्तविक रूप में प्रदर्शित हैं। अभिलेख से विदित होता है कि ई0 सन् के प्रारंभिक काल में नागपूजा देश के इस भाग में विशेष रूप से प्रचलित थी। | *इस पर अंकित एक अभिलेख से सूचित होता है कि महाराजाधिराज [[हुविष्क]] के समय में [[कनिष्क]] संवत् के चालीसवें वर्ष (118 ई0) में सेनहस्ती तथा उसके मित्र ने इस मूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी। | ||
*इस मूर्ति में नाग की कुंडलियां बड़े वास्तविक रूप में प्रदर्शित हैं। अभिलेख से विदित होता है कि ई0 सन् के प्रारंभिक काल में नागपूजा देश के इस भाग में विशेष रूप से प्रचलित थी। | |||
Revision as of 08:31, 28 March 2010
छड़गाँव / Chhadganv
- इस स्थान से एक विशाल नाग प्रतिमा प्राप्त हुई थी जो अब मथुरा संग्रालहय में है। यह लगभग आठ फुट ऊंची है।
- इस पर अंकित एक अभिलेख से सूचित होता है कि महाराजाधिराज हुविष्क के समय में कनिष्क संवत् के चालीसवें वर्ष (118 ई0) में सेनहस्ती तथा उसके मित्र ने इस मूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी।
- इस मूर्ति में नाग की कुंडलियां बड़े वास्तविक रूप में प्रदर्शित हैं। अभिलेख से विदित होता है कि ई0 सन् के प्रारंभिक काल में नागपूजा देश के इस भाग में विशेष रूप से प्रचलित थी।