साईंबाबा जी की आरती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:shirdisaibaba.jpg|thumb|250|साईबाबा <br />Sai Baba]]
[[चित्र:shirdisaibaba.jpg|thumb|250|[[साईं बाबा]]<br />Sai Baba]]
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
सौख्यदातारा जीवा । चरणरजतळीं निज दासां विसावां ।
सौख्यदातारा जीवा । चरणरजतळीं निज दासां विसावां ।

Revision as of 06:50, 4 January 2011

[[चित्र:shirdisaibaba.jpg|thumb|250|साईं बाबा
Sai Baba]]

सौख्यदातारा जीवा । चरणरजतळीं निज दासां विसावां ।
भक्तां विसावा ॥धृ॥
जाळुनियां अनंग । स्वस्वरुपी राहे दंग ।
मुमुक्षुजना दावी । निजडोळां श्रीरंग ॥१॥
जया मनीं जैसा भाव । तया तैसा अनुभव ।
दाविसी दयाघना । ऐसी ही तुझी माव ॥२॥
तुमचें नाम ध्यातां । हरे संसृतिव्यथा ।
अगाध तव करणी । मार्ग दाविसी अनाथा ॥३॥
कलियुगीं अवतार । सगुणब्रह्म साचार ।
अवतीर्ण झालासे । स्वामी दत्त दिगंबर ॥४॥
आठा दिवसां गुरुवारी । भक्त करिती वारी ।
प्रभुपद पहावया । भवभय निवारी ॥५॥
माझा निजद्रव्य ठेवा । तव चरणसेवा ।
मागणें हेंचि आता । तुम्हा देवाधिदेवा ॥६॥
इच्छित दीन चातक । निर्मळ तोय निजसुख ।
पाजावें माधवा या । सांभाळ आपुली भाक ॥७॥


आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ।
चरणों के तेरे हम पुजारी साईँ बाबा ॥

विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो
तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो
हे जगदाता अवतारे, साईँ बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥

ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी
सुन लो विनती हमारी साईँ बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥

आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति
शिरडी के संत चमत्कारी साईँ बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥

भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम
दुखिया जनों के हितकारी साईँ बाबा ।
आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥


संबंधित लेख

  1. REDIRECT साँचा:आरती स्तुति स्तोत्र