यम ग्रह: Difference between revisions

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*24 अगस्त, 2006 को अन्तर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आईएयू) की प्राग (चेक गणराजय) बैठक में खगोल विज्ञानियों ने प्लूटो का ग्रह होने का दर्जा खत्म कर दिया, क्योंकि इसकी कक्षा वृत्ताकार नहीं है और यह वरुण ग्रह की कक्षा से होकर गुजरती है। नई खगोलीय व्यवस्था में प्लूटों को बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है।
*24 अगस्त, 2006 को अन्तर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आईएयू) की प्राग (चेक गणराजय) बैठक में खगोल विज्ञानियों ने प्लूटो का ग्रह होने का दर्जा खत्म कर दिया, क्योंकि इसकी कक्षा वृत्ताकार नहीं है और यह वरुण ग्रह की कक्षा से होकर गुजरती है। नई खगोलीय व्यवस्था में प्लूटों को बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है।


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Revision as of 12:00, 10 January 2011

thumb|यम ग्रह
Pluto

  • इसकी खोज 1930 में क्लाड टामवों ने की थी।
  • इस ग्रह को अंग्रेज़ी में Pluto कहते हैं।
  • अगस्त 2006 की आई. ए. यू. की प्राग सम्मेलन में ग्रह कहलाने के मापदंड पर खरे नहीं उतरने के कारण यम को ग्रह की श्रेणी से अलग कर बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
  • यम को ग्रह की श्रेणी से निकाले जाने के कारण हैं—
  1. आकार में चन्द्रमा से छोटा होना।
  2. इसकी कक्षा का वृत्ताकार नहीं होना।
  3. वरुण की कक्षा को काटना।
  • आईएयू ने इसका नया नाम 134340 रखा है।
  • 24 अगस्त, 2006 को अन्तर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आईएयू) की प्राग (चेक गणराजय) बैठक में खगोल विज्ञानियों ने प्लूटो का ग्रह होने का दर्जा खत्म कर दिया, क्योंकि इसकी कक्षा वृत्ताकार नहीं है और यह वरुण ग्रह की कक्षा से होकर गुजरती है। नई खगोलीय व्यवस्था में प्लूटों को बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है।


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