लेह: Difference between revisions
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नगर के निकट ही लद्दाखी राजाओं का पुरान महल और संकर मठ स्थित है। [[सिंधु नदी]] के किनारे और 11000 फीट की ऊंचाई पर बसा लेह पर्यटकों को ज़मीं पर स्वर्ग का आभास कराता है। धरती पर रहकर स्वर्ग के दर्शन करने हों तो लेह से बेहतर जगह शायद ही दूसरी हो सकती है। [[हिमालय]] की हसीन वादियों में बसे लेह के आकर्षण में हज़ारों पर्यटक खीचे चले आते हैं। सुंदरता से परिपूर्ण लेह में रूईनुमा बादल इतने नज़दीक होते हैं कि लगता है जैसे हाथ बढाकर उनका स्पर्श किया जा सकता है। गगन चुंबी पर्वतों पर ट्रैकिंग का यहाँ अपना ही मज़ा है। लेह में पर्वत और नदियों के अलावा भी कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। यहाँ बड़ी संख्या में | नगर के निकट ही लद्दाखी राजाओं का पुरान महल और संकर मठ स्थित है। [[सिंधु नदी]] के किनारे और 11000 फीट की ऊंचाई पर बसा लेह पर्यटकों को ज़मीं पर स्वर्ग का आभास कराता है। धरती पर रहकर स्वर्ग के दर्शन करने हों तो लेह से बेहतर जगह शायद ही दूसरी हो सकती है। [[हिमालय]] की हसीन वादियों में बसे लेह के आकर्षण में हज़ारों पर्यटक खीचे चले आते हैं। सुंदरता से परिपूर्ण लेह में रूईनुमा बादल इतने नज़दीक होते हैं कि लगता है जैसे हाथ बढाकर उनका स्पर्श किया जा सकता है। गगन चुंबी पर्वतों पर ट्रैकिंग का यहाँ अपना ही मज़ा है। लेह में पर्वत और नदियों के अलावा भी कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। यहाँ बड़ी संख्या में ख़ूबसूरत [[बौद्ध]] मठ हैं जिनमें बहुत से बौद्ध भिक्षु रहतें हैं। | ||
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लेह में लद्दाखी [[संस्कृति]] और परंपरा से जुड़ी कई चीजें खरीदी जा सकती हैं। लेह में मिलने वाले सामानों में पशमीना शॉल सबसे अधिक लोकप्रिय है। यह शॉल बेहद गर्म और नर्म होती है। इसके अलावा लहे से तिब्बती कारीगरी के गलीचे भी खरीदे जा सकते हैं। लेह से लकड़ी के सामान के साथ अन्य बहुत सी वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती हैं। | लेह में लद्दाखी [[संस्कृति]] और परंपरा से जुड़ी कई चीजें खरीदी जा सकती हैं। लेह में मिलने वाले सामानों में पशमीना शॉल सबसे अधिक लोकप्रिय है। यह शॉल बेहद गर्म और नर्म होती है। इसके अलावा लहे से तिब्बती कारीगरी के गलीचे भी खरीदे जा सकते हैं। लेह से लकड़ी के सामान के साथ अन्य बहुत सी वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती हैं। |
Revision as of 12:22, 2 February 2011
thumb|250px|थिक्सेय गोम्पा, लेह
Thiksey Gompa, Leh
लेह नगर, पूर्वी जम्मू-कश्मीर राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। यह नगर 3,520 मीटर की ऊँचाई तक उठे अत्तुंग पर्वतीय क्षेत्र पर स्थित है, जिसे दुनिया की छत कहा जाता है। इसके चारों ओर इससे अधिक ऊँचे पर्वतों का घेरा है। लेह स्थायी आबादी वाले दुनिया के सबसे ऊँचे नगरों में से एक है।
उद्योग और व्यापार
यहाँ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः व्यापार पर निर्भर है, लेकिन यहाँ फलों की खेती और कृषि कार्य भी महत्त्वपूर्ण है।
यातायात और परिवहन
एशिया से आने वाले कारवां के पड़ाव के रूप में निर्मित लेह तक सिर्फ़ एक मुख्य राजमार्ग ट्रीटी रोड़ से पहुँचा जा सकता है, जो इसे पश्चिम में श्रीनगर और दक्षिण-पूर्व में तिब्बत के डेमचोक (पा-ली-चिया-स्सु) को जोड़ता है।
- वायुमार्ग
यहाँ लेह कुशोक बुकला रिम्पोचे हवाई अड्डा स्थित है। इंडियन एयरलाइन्स और जेट एयरवेज की दिल्ली से लेह तक सीधी और नियमित उड़ानें हैं।
- रेलमार्ग
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शालीमार और झेलम एक्सप्रेस द्वारा आप लेह जा सकते है। पुरानी दिल्ली से जम्मू तवी और संपर्क क्रान्ति के अलावा हज़रत निजामुद्दीन से राजधानी एक्सप्रेस से जम्मू पहुँचा जा सकता है। जम्मू से बस या टैक्सी के माध्यम से लेह जाया जा सकता है।
- सड़क मार्ग
दिल्ली से जम्मू कश्मीर रोड़वेज की बसें चलती हैं। श्रीनगर या जम्मू तक इन बसों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। आगे जाने के लिए टैक्सी की सेवाएँ ली जा सकती हैं। लेह-श्रीनगर मार्ग जून से अक्टूवर तक खुला रहता है जबकि लेह-मनाली मार्ग जुलाई से सितंबर तक खुलता है।
पर्यटन
नगर के निकट ही लद्दाखी राजाओं का पुरान महल और संकर मठ स्थित है। सिंधु नदी के किनारे और 11000 फीट की ऊंचाई पर बसा लेह पर्यटकों को ज़मीं पर स्वर्ग का आभास कराता है। धरती पर रहकर स्वर्ग के दर्शन करने हों तो लेह से बेहतर जगह शायद ही दूसरी हो सकती है। हिमालय की हसीन वादियों में बसे लेह के आकर्षण में हज़ारों पर्यटक खीचे चले आते हैं। सुंदरता से परिपूर्ण लेह में रूईनुमा बादल इतने नज़दीक होते हैं कि लगता है जैसे हाथ बढाकर उनका स्पर्श किया जा सकता है। गगन चुंबी पर्वतों पर ट्रैकिंग का यहाँ अपना ही मज़ा है। लेह में पर्वत और नदियों के अलावा भी कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। यहाँ बड़ी संख्या में ख़ूबसूरत बौद्ध मठ हैं जिनमें बहुत से बौद्ध भिक्षु रहतें हैं।
खरीददारी
लेह में लद्दाखी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी कई चीजें खरीदी जा सकती हैं। लेह में मिलने वाले सामानों में पशमीना शॉल सबसे अधिक लोकप्रिय है। यह शॉल बेहद गर्म और नर्म होती है। इसके अलावा लहे से तिब्बती कारीगरी के गलीचे भी खरीदे जा सकते हैं। लेह से लकड़ी के सामान के साथ अन्य बहुत सी वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार लेह शहर की जनसंख्या 27,513 है और ज़िला कुल जनसंख्या 1,17,637 है।
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