दिंडिगल: Difference between revisions
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दिंडिगल शहर, [[तमिलनाडु]] राज्य दक्षिण - पूर्वी [[भारत]] पालनी एवं तिरुमलाई पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह शहर एक सड़क परिवहन केंद्र है। | दिंडिगल शहर, [[तमिलनाडु]] राज्य दक्षिण - पूर्वी [[भारत]] पालनी एवं तिरुमलाई पहाड़ियों के बीच में स्थित है। यह शहर एक सड़क परिवहन केंद्र है। | ||
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इसका नाम तिंतु काल (तकिया चट्टान) शब्द से बना है, जो शहर के प्रमुख आवरणहीन पहाड़ की ओर इंगित करता है। विजयनगर काल (1336-1565) में इस पहाड़ पर बने दुर्ग का उपयोग 17 वीं से 19 वीं सदी तक [[हिंदू]], [[मुसलमान]] और ब्रिटिश युद्धों में होता रहा। | इसका नाम तिंतु काल (तकिया चट्टान) शब्द से बना है, जो शहर के प्रमुख आवरणहीन पहाड़ की ओर इंगित करता है। विजयनगर काल (1336-1565) में इस पहाड़ पर बने दुर्ग का उपयोग 17 वीं से 19 वीं सदी तक [[हिंदू]], [[मुसलमान]] और ब्रिटिश युद्धों में होता रहा। |
Revision as of 12:05, 10 February 2011
दिंडिगल शहर, तमिलनाडु राज्य दक्षिण - पूर्वी भारत पालनी एवं तिरुमलाई पहाड़ियों के बीच में स्थित है। यह शहर एक सड़क परिवहन केंद्र है।
इतिहास
इसका नाम तिंतु काल (तकिया चट्टान) शब्द से बना है, जो शहर के प्रमुख आवरणहीन पहाड़ की ओर इंगित करता है। विजयनगर काल (1336-1565) में इस पहाड़ पर बने दुर्ग का उपयोग 17 वीं से 19 वीं सदी तक हिंदू, मुसलमान और ब्रिटिश युद्धों में होता रहा।
उद्योग
आज इस शहर में अनेक सूत कताई एव बुनाई मिलें तथा रेशम बुनाई, आभूषण व श्रृंगार उत्पादन जैसे हस्तशिल्प उद्योग हैं।
शिक्षण संस्थान
दिंडिगल में दो उदारवारी कला महाविद्यालय हैं, जो मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार दिंडिगल शहर की कुल जनसंख्या 1,96,619 व दिंडिगल ज़िले की कुल जनसंख्या 19,18,960 है।
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