जज़िया: Difference between revisions
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संयोगवश [[अकबर]] शिकार खेलने [[मथुरा]] गया था। वहाँ उसे ज्ञात हुआ कि मथुरा आने पर हिन्दुओं को कर देना पड़ता है। उसने यात्री कर उठा दिया। अकबर ने कहा- यह कहाँ का न्याय है कि ईश्वर की आराधना पर कर लिया जाए। अगले ही वर्ष, अपने राज्याभिषेक की नौवीं वर्षगाँठ पर उसने मुस्लिम क़ानून के अनुसार गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले कर 'जज़िया' को भी उठा लिया। यह एक अनोखी घटना थी। फिर तो दो पीढ़ियों तक जज़िया कर नहीं लगा। [[औरंगजेब]] ने 1679 में जसवंतसिंह की मृत्यु के बाद जज़िया कर पुनः लगाया। जज़िया से प्रतिवर्ष साम्राज्य को लाखों की आय होती। फिर भी अकबर ने इसे अनुचित माना। | संयोगवश [[अकबर]] शिकार खेलने [[मथुरा]] गया था। वहाँ उसे ज्ञात हुआ कि मथुरा आने पर हिन्दुओं को कर देना पड़ता है। उसने यात्री कर उठा दिया। अकबर ने कहा- यह कहाँ का न्याय है कि ईश्वर की आराधना पर कर लिया जाए। अगले ही वर्ष, अपने राज्याभिषेक की नौवीं वर्षगाँठ पर उसने मुस्लिम क़ानून के अनुसार गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले कर 'जज़िया' को भी उठा लिया। यह एक अनोखी घटना थी। फिर तो दो पीढ़ियों तक जज़िया कर नहीं लगा। [[औरंगजेब]] ने 1679 में जसवंतसिंह की मृत्यु के बाद जज़िया कर पुनः लगाया। जज़िया से प्रतिवर्ष साम्राज्य को लाखों की आय होती। फिर भी अकबर ने इसे अनुचित माना। | ||
Revision as of 06:35, 20 April 2010
जज़िया कर / Jazia Tax
संयोगवश अकबर शिकार खेलने मथुरा गया था। वहाँ उसे ज्ञात हुआ कि मथुरा आने पर हिन्दुओं को कर देना पड़ता है। उसने यात्री कर उठा दिया। अकबर ने कहा- यह कहाँ का न्याय है कि ईश्वर की आराधना पर कर लिया जाए। अगले ही वर्ष, अपने राज्याभिषेक की नौवीं वर्षगाँठ पर उसने मुस्लिम क़ानून के अनुसार गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले कर 'जज़िया' को भी उठा लिया। यह एक अनोखी घटना थी। फिर तो दो पीढ़ियों तक जज़िया कर नहीं लगा। औरंगजेब ने 1679 में जसवंतसिंह की मृत्यु के बाद जज़िया कर पुनः लगाया। जज़िया से प्रतिवर्ष साम्राज्य को लाखों की आय होती। फिर भी अकबर ने इसे अनुचित माना।