डाकिनी: Difference between revisions
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Revision as of 12:11, 29 April 2011
धार्मिक मान्यतानुसार डाकिनी को छिन्नमस्तिका देवी का रक्तपान करते हुए बताया गया है। बौद्ध धर्म में डाकिनी को वज्रयोगिनी कहा गया है।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- वज्रयोगिनी
हिन्दी | श्मशाम आदि की देवी, एक पिशाचिनी या देवी जो काली के गले में समझी जाती है, भूत-प्रेत योनि की स्त्री। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग, धातु |
-उदाहरण | कबीर माया डाकिनी, सब काहू को खाय |
-विशेष | संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि माया तो एक डायन की तरह है जो अपना शिकार ढूंढकर खा जाती है। यही माया जब सिद्ध संतों के पास जाती है तो वह इसके दांत उखाड़ देते है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | अनुचरी, चुड़ैल, डंकिनी, डायन, पूतना रक्तपा |
संस्कृत | [डअक्+णिनि+ङीप्] |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश