चीर घाट वृन्दावन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (Text replace - "[[कात्यायनी पीठ|" to "[[कात्यायनी पीठ वृन्दावन|") |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "यहां" to "यहाँ") |
||
Line 3: | Line 3: | ||
[[चित्र:Cheer-Ghat-Vrindavan.jpg|चीर घाट, [[वृन्दावन]]<br /> Cheer ghat, Vrindavan|thumb|250px]] | [[चित्र:Cheer-Ghat-Vrindavan.jpg|चीर घाट, [[वृन्दावन]]<br /> Cheer ghat, Vrindavan|thumb|250px]] | ||
इस मन्दिर की परिक्रमा करने से श्री [[दानघाटी|गिर्राज जी]] की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूर्ण फल प्राप्त होता है । मन्दिर में श्रीराधावृन्दावन चन्द्र, [[राधादामोदर जी मन्दिर|श्रीराधादामोदरजी]], श्रीराधामाधव जी और श्रीराधाछैल छिकन जी के विग्रह है । भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] द्वारा [[सनातन गोस्वामी]] को प्रदत्त शिला भी | इस मन्दिर की परिक्रमा करने से श्री [[दानघाटी|गिर्राज जी]] की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूर्ण फल प्राप्त होता है । मन्दिर में श्रीराधावृन्दावन चन्द्र, [[राधादामोदर जी मन्दिर|श्रीराधादामोदरजी]], श्रीराधामाधव जी और श्रीराधाछैल छिकन जी के विग्रह है । भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] द्वारा [[सनातन गोस्वामी]] को प्रदत्त शिला भी यहाँ है, जिस पर भगवान का दायाँ चरण चिन्ह, [[बांसुरी]], लकुटी और गाय का खुर अंकित है । यहाँ [[जीव गोस्वामी]] जी एवं अन्य की समाधि भी है । | ||
---- | ---- | ||
[[वृन्दावन]] में [[यमुना नदी|यमुना]] के तट पर एक प्राचीन [[कदम्ब]] वृक्ष है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने [[कात्यायनी पीठ वृन्दावन|कात्यायनी]] व्रत पालन हेतु यमुना में स्नान करती हुईं गोप-रमणियों के वस्त्र हरण किये थे। ये [[ब्रज]] कुमारियाँ प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त्त में श्री यमुना जी में स्नान करतीं और तट पर बालू से कात्यायनी (योगमाया) की मूर्ति बनाकर आराधना करती हुई यह मन्त्र उच्चारण करती थीं- | [[वृन्दावन]] में [[यमुना नदी|यमुना]] के तट पर एक प्राचीन [[कदम्ब]] वृक्ष है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने [[कात्यायनी पीठ वृन्दावन|कात्यायनी]] व्रत पालन हेतु यमुना में स्नान करती हुईं गोप-रमणियों के वस्त्र हरण किये थे। ये [[ब्रज]] कुमारियाँ प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त्त में श्री यमुना जी में स्नान करतीं और तट पर बालू से कात्यायनी (योगमाया) की मूर्ति बनाकर आराधना करती हुई यह मन्त्र उच्चारण करती थीं- |
Revision as of 14:42, 20 April 2010
40px | पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं। |
चीर घाट / Cheer Ghat
[[चित्र:Cheer-Ghat-Vrindavan.jpg|चीर घाट, वृन्दावन
Cheer ghat, Vrindavan|thumb|250px]]
इस मन्दिर की परिक्रमा करने से श्री गिर्राज जी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूर्ण फल प्राप्त होता है । मन्दिर में श्रीराधावृन्दावन चन्द्र, श्रीराधादामोदरजी, श्रीराधामाधव जी और श्रीराधाछैल छिकन जी के विग्रह है । भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सनातन गोस्वामी को प्रदत्त शिला भी यहाँ है, जिस पर भगवान का दायाँ चरण चिन्ह, बांसुरी, लकुटी और गाय का खुर अंकित है । यहाँ जीव गोस्वामी जी एवं अन्य की समाधि भी है ।
वृन्दावन में यमुना के तट पर एक प्राचीन कदम्ब वृक्ष है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने कात्यायनी व्रत पालन हेतु यमुना में स्नान करती हुईं गोप-रमणियों के वस्त्र हरण किये थे। ये ब्रज कुमारियाँ प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त्त में श्री यमुना जी में स्नान करतीं और तट पर बालू से कात्यायनी (योगमाया) की मूर्ति बनाकर आराधना करती हुई यह मन्त्र उच्चारण करती थीं-
कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी ।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नम:<balloon title="श्रीमद्भागवत 10/22/4" style=color:blue>*</balloon>॥
व्रत के अन्त में कृष्ण ने स्वयं वहाँ पधारकर वस्त्र हरण के बहाने उनको मनोभिलाषित वर प्रदान किया- अगली शरद पूर्णिमा की रात में तुम्हारी मनोभिलाषा पूर्ण होगी। शेरगढ के पास एक और चीरघाट तथा कदम्ब वृक्ष प्रसिद्ध है। कल्पभेद के अनुसार दोनों स्थान चीरघाट हो सकते हैं। इसमें कोई सन्देह की बात नहीं।
वीथिका
-
चीर घाट, वृन्दावन
Cheer ghat, Vrindavan -
यमुना मंदिर, चीर घाट, वृन्दावन
Yamuna Temple, Cheer Ghat, Vrindavan