जोरहाट: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{tocright}} जोरहाट नगर पूर्वोत्तर असम राज्य में [[ब्रह्मप...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
जोरहाट नगर पूर्वोत्तर [[असम]] राज्य में [[ब्रह्मपुत्र नदी]] की एक सहायक धारा के किनारे | जोरहाट नगर पूर्वोत्तर [[असम]] राज्य में [[ब्रह्मपुत्र नदी]] की एक सहायक धारा के किनारे स्थित है। यह एक सड़क व रेल जंक्शन है और उपजाऊ [[कृषि]] क्षेत्र का वाणिज्यिक केंद्र है। जोरहाट [[आभूषण]] निर्माण के लिए विख्यात है। जोरहाट में असम कृषि विश्वविद्यालय स्थित है। जोरहाट पर चौकीहाट और माचरहाट नाम के दो बाज़ार हैं। इसी कारण इसका नाम जोरहाट रखा गया है। जोरहाट पर विभिन्न [[संस्कृति|संस्कृतियों]] और जातियों से जुड़े लोग रहते हैं। जिनमें [[हिन्दू]], [[मुस्लिम]], पंजाबी, बिहारी और मारवाडी प्रमुख हैं। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
जोरहाट की स्थापना 18वीं सदी के अन्तिम दशक में हुई थी।18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यह नगर स्वतंत्र [[अहोम]] राज्य की राजधानी था; जोरहाट में ताई भाषा बोलने वाले अहोम लोगों ने लगभग पहली शताब्दी में [[चीन]] के युन्नान क्षेत्र से देशांतरण किया था। जोरहट को 1983 ई. में पूर्ण रूप से ज़िला घोषित किया गया था। | |||
==शिक्षण संस्थान== | ==शिक्षण संस्थान== | ||
अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज, इंस्टिट्यूट ऑफ़ रेन ऐंड मॉयस्ट डेसिडुअस फ़ॉरेस्ट रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस और कॉलेज ऑफ़ फ़िशरीज शामिल हैं। | अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज, इंस्टिट्यूट ऑफ़ रेन ऐंड मॉयस्ट डेसिडुअस फ़ॉरेस्ट रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस और कॉलेज ऑफ़ फ़िशरीज शामिल हैं। | ||
Line 10: | Line 8: | ||
जोरहाट में मुख्यत: [[वैष्णव धर्म]] को मानने वाले लोग रहते हैं। जोरहाट पर वैष्णव धर्म से जुड़े अनेक मठ और सतरा भी बने हुए हैं। | जोरहाट में मुख्यत: [[वैष्णव धर्म]] को मानने वाले लोग रहते हैं। जोरहाट पर वैष्णव धर्म से जुड़े अनेक मठ और सतरा भी बने हुए हैं। | ||
;मजूली: | ;मजूली: | ||
जोरहाट वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा तीर्थस्थान है। मजूली में वैष्णव धर्म के औनिआती, दक्षिणपथ, गारामूर और कमलाबाडी जैसे अनेक तीर्थस्थान हैं। इन तीर्थस्थानों को यहाँ के लोग सतरा पुकारते हैं। | |||
;दक्षिणपथ सतरा: | ;दक्षिणपथ सतरा: | ||
दक्षिणपथ सतरा की स्थापना | जोरहाट में दक्षिणपथ सतरा की स्थापना बनमाली देव ने की थी। सतरा के साथ उन्होंने [[रासलीला]] की शुरूआत भी की थी। यहाँ पर हर साल रासलीला का आयोजन किया जाता है। | ||
;औनियाती सत्तरा: | ;औनियाती सत्तरा: | ||
जोरहाट में औनियाती सत्तरा की स्थापना निरंजन पाठकदेव ने की थी। यह सतरा अपने पालनाम और अप्सराओं के नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। इसमें पर्यटक प्राचीन असम के बर्तनों, आभूषणों और हस्त निर्मित वस्तुओं को भी देख सकते हैं। | |||
;कमलाबाडी सतरा: | ;कमलाबाडी सतरा: | ||
बेदुलापदम अता ने इस सतरा की स्थापना की थी। यह सतरा वैष्णव धर्म का मुख्य तीर्थस्थान है। तीर्थस्थान होने के साथ ही यह कला, साहित्य, शिक्षा और संस्कृति का मुख्य केन्द्र भी है। इसकी एक शाखा भी है। इस शाखा का नाम उत्तर कमलाबाडी है। यह सतरा भारत और विश्व के अलग-अलग भागों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन करते हैं। | बेदुलापदम अता ने इस सतरा की स्थापना की थी। यह सतरा वैष्णव धर्म का मुख्य तीर्थस्थान है। तीर्थस्थान होने के साथ ही यह कला, साहित्य, शिक्षा और संस्कृति का मुख्य केन्द्र भी है। इसकी एक शाखा भी है। इस शाखा का नाम उत्तर कमलाबाडी है। यह सतरा भारत और विश्व के अलग-अलग भागों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन करते हैं। | ||
;बेंगेनाती सतरा: | ;बेंगेनाती सतरा: | ||
बेंगेनाती सतरा की स्थापना मुरारीदेव ने की थी। यहाँ पर पर्यटक असम की संस्कृति से जुडी प्राचीन व दुलर्भ वस्तुओं का संग्रह देख सकते हैं। इन वस्तुओं में अहोम शासक स्वर्गदेव गदाधर सिंह के राजसी वस्त्र और उनका शाही छाता प्रमुख हैं। यह दोनों वस्तुएँ [[सोना|सोने]] से बनी हुई है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 08:57, 26 August 2011
जोरहाट नगर पूर्वोत्तर असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक धारा के किनारे स्थित है। यह एक सड़क व रेल जंक्शन है और उपजाऊ कृषि क्षेत्र का वाणिज्यिक केंद्र है। जोरहाट आभूषण निर्माण के लिए विख्यात है। जोरहाट में असम कृषि विश्वविद्यालय स्थित है। जोरहाट पर चौकीहाट और माचरहाट नाम के दो बाज़ार हैं। इसी कारण इसका नाम जोरहाट रखा गया है। जोरहाट पर विभिन्न संस्कृतियों और जातियों से जुड़े लोग रहते हैं। जिनमें हिन्दू, मुस्लिम, पंजाबी, बिहारी और मारवाडी प्रमुख हैं।
इतिहास
जोरहाट की स्थापना 18वीं सदी के अन्तिम दशक में हुई थी।18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यह नगर स्वतंत्र अहोम राज्य की राजधानी था; जोरहाट में ताई भाषा बोलने वाले अहोम लोगों ने लगभग पहली शताब्दी में चीन के युन्नान क्षेत्र से देशांतरण किया था। जोरहट को 1983 ई. में पूर्ण रूप से ज़िला घोषित किया गया था।
शिक्षण संस्थान
अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज, इंस्टिट्यूट ऑफ़ रेन ऐंड मॉयस्ट डेसिडुअस फ़ॉरेस्ट रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ वेटनरी साइंस और कॉलेज ऑफ़ फ़िशरीज शामिल हैं।
पर्यटन
जोरहाट में मुख्यत: वैष्णव धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जोरहाट पर वैष्णव धर्म से जुड़े अनेक मठ और सतरा भी बने हुए हैं।
- मजूली
जोरहाट वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा तीर्थस्थान है। मजूली में वैष्णव धर्म के औनिआती, दक्षिणपथ, गारामूर और कमलाबाडी जैसे अनेक तीर्थस्थान हैं। इन तीर्थस्थानों को यहाँ के लोग सतरा पुकारते हैं।
- दक्षिणपथ सतरा
जोरहाट में दक्षिणपथ सतरा की स्थापना बनमाली देव ने की थी। सतरा के साथ उन्होंने रासलीला की शुरूआत भी की थी। यहाँ पर हर साल रासलीला का आयोजन किया जाता है।
- औनियाती सत्तरा
जोरहाट में औनियाती सत्तरा की स्थापना निरंजन पाठकदेव ने की थी। यह सतरा अपने पालनाम और अप्सराओं के नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। इसमें पर्यटक प्राचीन असम के बर्तनों, आभूषणों और हस्त निर्मित वस्तुओं को भी देख सकते हैं।
- कमलाबाडी सतरा
बेदुलापदम अता ने इस सतरा की स्थापना की थी। यह सतरा वैष्णव धर्म का मुख्य तीर्थस्थान है। तीर्थस्थान होने के साथ ही यह कला, साहित्य, शिक्षा और संस्कृति का मुख्य केन्द्र भी है। इसकी एक शाखा भी है। इस शाखा का नाम उत्तर कमलाबाडी है। यह सतरा भारत और विश्व के अलग-अलग भागों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन करते हैं।
- बेंगेनाती सतरा
बेंगेनाती सतरा की स्थापना मुरारीदेव ने की थी। यहाँ पर पर्यटक असम की संस्कृति से जुडी प्राचीन व दुलर्भ वस्तुओं का संग्रह देख सकते हैं। इन वस्तुओं में अहोम शासक स्वर्गदेव गदाधर सिंह के राजसी वस्त्र और उनका शाही छाता प्रमुख हैं। यह दोनों वस्तुएँ सोने से बनी हुई है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ