सद्र-उस-सदुर: Difference between revisions
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Revision as of 13:50, 8 September 2011
सद्र-उस-सुदूर पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।
यह धर्म विभाग एवं दान विभाग का प्रमुख होता था। राज्य का प्रधान क़ाज़ी एवं सद्र-उस-सदुर प्रायः एक ही व्यक्ति को दिया जाता था। मुसलमान प्रजा से लिए जाने वाला कर ‘ज़कात’ पर इस अधिकारी का अधिकार होता था। यह मस्जिदों, मक्तबों एवं मदरसों के निर्माण के लिए धन मुहैया कराता था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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