दीवान-ए-अर्ज

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दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना सल्तनत काल में बलबन ने की थी। उसने अहमद अय्याज को इस विभाग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया था। इस विभाग के अध्यक्ष को "आरिज-ए-मुमालिक" कहा जाता था।

  • इसका प्रमुख कार्य सैनिकों की भर्ती करना, सैनिकों तथा घोड़ों का हुलिया रखना एवं सैन्य निरीक्षण करना था। यह इक्तादारों के सैनिकों का निरीक्षण करता था। इसे सैनिकों के लिए खाद्य सामग्री एवं यातायात की व्यवस्था भी करनी पड़ती थी।
  • अलाउद्दीन ख़िलजी 'दीवान-ए-अर्ज' विभाग पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देता था।
  • सैनिक व्यवस्था और शासन व्यवस्था में सहायता हेतु अन्तिम तुग़लक़ शासक नासिरुद्दीन महमूद ने "वकील-ए-सुल्तान" पद का सृजन किया था। कुछ समय बाद यह पद अस्तित्वहीन हो गया।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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