विवीताध्यक्ष

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विवीताध्यक्ष मौर्य साम्राज्य की जो शासन व्यवस्था थी, उसमें एक उच्च अधिकारी का पद था।

  • गोचर भूमियों का प्रबन्ध इस विभाग का कार्य था। चोर तथा हिंसक जन्तु चरागाहों को नुकसान न पहुँचाएँ, यह प्रबन्ध करना; जहाँ पशुओं के पीने का जल न उपलब्ध हो, वहाँ उसका प्रबन्ध करना और तालाब तथा कुएँ बनवाना इसी विभाग के कार्य थे।
  • जंगल की सड़कों को ठीक रखना, व्यापारियों के माल की रक्षा करना, काफिलों को डाकुओं से बचाना तथा शत्रुओं के हमलों की सूचना राजा को देना, यह सब कार्य 'विवीताध्यक्ष' के सुपुर्द थे।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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