मैकलोडगंज: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{सूचना बक्सा पर्यटन
{{सूचना बक्सा पर्यटन
|चित्र=Mcleodganj.jpg
|चित्र=Mcleodganj.jpg
Line 43: Line 42:
==इतिहास==
==इतिहास==
1959 में [[तिब्बत]] पर चीनी हमले के बाद हज़ारों तिब्बती बेघर हो गए थे। भारत सरकार ने उन्हें बायालाकूपे में 3000 एकड भूमि दी, जहाँ अब 15 हज़ार से भी ज़्यादा शरणार्थी रह रहे हैं। तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैकलोडगंज में है। मैकलोडगंज के बाद बायलाकूपे तिब्बती विस्थापितों की सबसे बडी बस्ती है।<ref>{{cite web |url=http://in.jagran.yahoo.com/news/travel/general/16_36_514.html |title=चलें दक्षिण के मैकलोडगंज |accessmonthday=[[7 दिसम्बर]] |accessyear=2011 |last=गुलेरी |first=माधवी शर्मा |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=जागरण याहू इंडिया |language=हिन्दी }}</ref>
1959 में [[तिब्बत]] पर चीनी हमले के बाद हज़ारों तिब्बती बेघर हो गए थे। भारत सरकार ने उन्हें बायालाकूपे में 3000 एकड भूमि दी, जहाँ अब 15 हज़ार से भी ज़्यादा शरणार्थी रह रहे हैं। तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैकलोडगंज में है। मैकलोडगंज के बाद बायलाकूपे तिब्बती विस्थापितों की सबसे बडी बस्ती है।<ref>{{cite web |url=http://in.jagran.yahoo.com/news/travel/general/16_36_514.html |title=चलें दक्षिण के मैकलोडगंज |accessmonthday=[[7 दिसम्बर]] |accessyear=2011 |last=गुलेरी |first=माधवी शर्मा |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=जागरण याहू इंडिया |language=हिन्दी }}</ref>
==पर्यटन==
चट्टानों पर खड़े चीड़ और देवदार के हरे-भरे पेड़ किसी के भी मन को अपनी ओर खींचते नज़र आते हैं। मैकलोडगंज में भागसू नाग मन्दिर और भागसू झरने का लुत्फ उठा सकते हैं। भागसू नाग मन्दिर के पास ही प्राकृतिक पानी को रोक कर छोटा सा स्विमिंग पूल बनाया गया है। यहाँ के प्रमुख बौद्ध मठ में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की विशालकाय प्रतिमा है। यहाँ की प्रार्थना सभा में हिस्सा लेना अपने आपमें अनुभव है। कांगड़ा के पूर्व राजाओं के शासनकाल में हुई [[कला]] और शिल्पकला के विकास को देखना हो तो यहाँ के कांगड़ा आर्ट म्यूजियम को जरूर देखें। दो किलोमीटर दूर डल झील पर्यटकों को आकर्षिक करती है।
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
====वायु मार्ग====
====वायु मार्ग====
Line 50: Line 51:
====सड़क मार्ग====
====सड़क मार्ग====
[[दिल्ली]] से धर्मशाला और मैकलोडगंज के लिए नियमित बसें चलती हैं।  
[[दिल्ली]] से धर्मशाला और मैकलोडगंज के लिए नियमित बसें चलती हैं।  
==पर्यटन==
 
चट्टानों पर खड़े चीड़ और देवदार के हरे-भरे पेड़ किसी के भी मन को अपनी ओर खींचते नज़र आते हैं। मैकलोडगंज में भागसू नाग मन्दिर और भागसू झरने का लुत्फ उठा सकते हैं। भागसू नाग मन्दिर के पास ही प्राकृतिक पानी को रोक क्र छोटा सा स्विमिंग पूल बनाया गया है। यहाँ के प्रमुख बौद्ध मठ में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की विशालकाय प्रतिमा है। यहाँ की प्रार्थना सभा में हिस्सा लेना अपने आपमें अनुभव है। कांगड़ा के पूर्व राजाओं के शासनकाल में हुई [[कला]] और शिल्पकला के विकास को देखना हो यहाँ के कांगड़ा आर्ट म्यूजियम को जरूर देखें। दो किलोमीटर दूर डल झील पर्यटको को आकर्षिक करती है।


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Revision as of 10:19, 8 December 2011

मैकलोडगंज
विवरण मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश राज्य के धर्मशाला से करीब 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पर्यटक स्थल है।
राज्य हिमाचल प्रदेश
ज़िला कांगड़ा
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 32°14′19″, पूर्व- 76°19′26″
प्रसिद्धि तिब्बती संस्कृति, हैंडीक्राफ्ट्स और पुरानी मोनेस्ट्री देखनी हो तो मैकलोडगंज से बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकती।
कब जाएँ पूरे साल जा सकते हैं।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन कांगड़ा और नगरोटा रेलवे स्टेशन
यातायात टैक्सी और बस
क्या देखें बौद्ध मठ, भागसू नाग मन्दिर और भागसू झरने
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी मैकलोडगंज में तिब्बतियों के गुरु दलाई लामा का निवास स्थान है।
अद्यतन‎

मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश राज्य के धर्मशाला से करीब 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पर्यटक स्थल है। मैकलोडगंज में तिब्बतियों के गुरु दलाई लामा का निवास स्थान है। मैकलोडगंज की नैसर्गिक ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। तिब्बती संस्कृति, हैंडीक्राफ्ट्स और पुरानी मोनेस्ट्री देखनी हो तो इससे बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकती। यहाँ का मौसम क़रीब बारहों महीने सुहाना रहता है लेकिन बारिश और जाड़ों के दिनों में यह बेहद हसीन हो जाता है। सर्दीली हवा और बर्फ़बारी इस जगह को रहस्यमय अहसास देती है।

इतिहास

1959 में तिब्बत पर चीनी हमले के बाद हज़ारों तिब्बती बेघर हो गए थे। भारत सरकार ने उन्हें बायालाकूपे में 3000 एकड भूमि दी, जहाँ अब 15 हज़ार से भी ज़्यादा शरणार्थी रह रहे हैं। तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैकलोडगंज में है। मैकलोडगंज के बाद बायलाकूपे तिब्बती विस्थापितों की सबसे बडी बस्ती है।[1]

पर्यटन

चट्टानों पर खड़े चीड़ और देवदार के हरे-भरे पेड़ किसी के भी मन को अपनी ओर खींचते नज़र आते हैं। मैकलोडगंज में भागसू नाग मन्दिर और भागसू झरने का लुत्फ उठा सकते हैं। भागसू नाग मन्दिर के पास ही प्राकृतिक पानी को रोक कर छोटा सा स्विमिंग पूल बनाया गया है। यहाँ के प्रमुख बौद्ध मठ में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा है। यहाँ की प्रार्थना सभा में हिस्सा लेना अपने आपमें अनुभव है। कांगड़ा के पूर्व राजाओं के शासनकाल में हुई कला और शिल्पकला के विकास को देखना हो तो यहाँ के कांगड़ा आर्ट म्यूजियम को जरूर देखें। दो किलोमीटर दूर डल झील पर्यटकों को आकर्षिक करती है।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

मैकलोडगंज का नज़दीकी हवाई अड्डा गग्गल है, जो 15 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग

कांगड़ा और नगरोटा में मैकलोडगंज के नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग

दिल्ली से धर्मशाला और मैकलोडगंज के लिए नियमित बसें चलती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गुलेरी, माधवी शर्मा। चलें दक्षिण के मैकलोडगंज (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) जागरण याहू इंडिया। अभिगमन तिथि: 7 दिसम्बर, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख