Difference between revisions of "बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
Line 1: Line 1:
 
{{पुनरीक्षण}}
 
{{पुनरीक्षण}}
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान एक छोटा पार्क है जो सुगठित होने के साथ खेलों से भरा हुआ है। बांधवगढ़ में [[बाघ|बाघों]] की संख्‍या [[भारत]] में सबसे अधिक है। इस राष्ट्रीय उद्यान के महत्‍व और संभाव्‍यता को देखते हुए इसे 1993 में प्रोजेक्‍ट टाइगर नेटवर्क में जोड़ा गया था। इस आरक्षित वन का नाम इसके मध्‍य में स्थित बांधवगढ़ पहाड़ी (807) मीटर के नाम पर रखा गया है जो [[विन्ध्याचल पर्वत]] श्रृंखला और [[सतपुड़ा पर्वतश्रेणी]] के पूर्वी सिरे के बीच स्थित है और यह [[मध्य प्रदेश]]  के शहडोल और [[जबलपुर]] ज़िलों में है।  
+
[[चित्र:Bandhavgarh-National-Park.jpg|thumb|250px|बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, उमरिया]]
 +
'''बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान''' एक छोटा पार्क है जो सुगठित होने के साथ खेलों से भरा हुआ है। बांधवगढ़ में [[बाघ|बाघों]] की संख्‍या [[भारत]] में सबसे अधिक है। इस राष्ट्रीय उद्यान के महत्‍व और संभाव्‍यता को देखते हुए इसे 1993 में 'प्रोजेक्‍ट टाइगर नेटवर्क' में जोड़ा गया था। इस आरक्षित वन का नाम इसके मध्‍य में स्थित बांधवगढ़ पहाड़ी (807 मीटर) के नाम पर रखा गया है जो [[विन्ध्याचल पर्वत]] श्रृंखला और [[सतपुड़ा पर्वतश्रेणी]] के पूर्वी सिरे के बीच स्थित है और यह [[मध्य प्रदेश]]  के शहडोल और [[जबलपुर]] ज़िलों में है।  
  
यहां 22 से स्‍तनधारियों की प्रजातियां तथा 250 पक्षी प्रजातियां पाई जाती है। यहां सामान्‍य लंगूर और रिसस बंदर प्राइमेट समूह का प्रति‍निधित्‍व करते हैं। यहां पाए जाने वाले मांसभक्षियों में एशियाई भेडियां, बंगली लोमड़ी, स्‍लॉथ बीयर, रेटल, भूरे मंगूस, पट्टी दार हाइना, जंगली बिल्‍ली, चीते और बाघ, यहां पाए जाने वाले अन्‍य जंतु है जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, सांभर, चौसिंघा, नील गाय, चिंकारा और गौर। यहां पाए जाने वाले स्‍तनधारी है डोल, छोटी भारतीय सीवेट, पाम गिलहरी और छोटे बेंडीकूट चूहे कभी कभार देखे जा सकते हैं। शाकाहारियों में केवल गौर नामक जंतु पाया जाता है जो चारा खाता है।  
+
यहां 22 से स्‍तनधारियों की प्रजातियां तथा 250 पक्षी प्रजातियां पाई जाती है। यहां सामान्‍य [[लंगूर]] और रिसस बंदर प्राइमेट समूह का प्रति‍निधित्‍व करते हैं। यहां पाए जाने वाले मांसभक्षियों में एशियाई भेडियां, बंगली लोमड़ी, स्‍लॉथ बीयर, रेटल, भूरे मंगूस, पट्टी दार हाइना, जंगली बिल्‍ली, चीते और बाघ, यहां पाए जाने वाले अन्‍य जंतु है जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, सांभर, चौसिंघा, नील गाय, चिंकारा और गौर। यहां पाए जाने वाले स्‍तनधारी है डोल, छोटी भारतीय सीवेट, पाम गिलहरी और छोटे बेंडीकूट चूहे कभी कभार देखे जा सकते हैं। शाकाहारियों में केवल गौर नामक जंतु पाया जाता है जो चारा खाता है।  
  
नदियों और दलदली स्‍थानों की वनस्‍ति के साथ अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ सामान्‍य है ग्रेब, अगरेट, लेसर एडजुटेंट, सारस, क्रेन, ब्‍लैक आइबिस, लैसर विसलिंग टीज, सफेद आंखों वाले बजार्ड, ब्‍लैक काइट, क्रेस्‍टेड सर्पेंट इंगल, काला गीध, इजिप्‍शन गीध, सामान्‍य पी फाउल, लाल जंगली फाउल, डव, पाराकिट, किंगफिशर और इंडियन रोलर। यहां पाए जाने वाले सरीसृप हैं कोबरा, क्रेट, वाइपर, रेट स्‍नैक, पाइथन, कछुएं और वारानस सहित कई प्रकार की छिपकलियां।
+
नदियों और दलदली स्‍थानों की वनस्‍ति के साथ अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ सामान्‍य है ग्रेब, अगरेट, लेसर एडजुटेंट, सारस, क्रेन, ब्‍लैक आइबिस, लैसर विसलिंग टीज, सफेद आंखों वाले बजार्ड, ब्‍लैक काइट, क्रेस्‍टेड सर्पेंट इंगल, काला गीध, इजिप्‍शन गीध, सामान्‍य पी फाउल, लाल जंगली फाउल, डव, पाराकिट, किंगफिशर और इंडियन रोलर। यहां पाए जाने वाले सरीसृप हैं कोबरा, क्रेट, वाइपर, रेट स्‍नैक, पाइथन, [[कछुआ|कछुएं]] और वारानस सहित कई प्रकार की छिपकलियां।
 
+
 
+
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{प्रचार}}
+
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
Line 16: Line 15:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य}}
 
{{राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य}}
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
 
 
 
 
[[Category:मध्य प्रदेश]]
 
[[Category:मध्य प्रदेश]]
 
[[Category:राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य]]
 
[[Category:राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य]]
 
[[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

Revision as of 06:30, 27 March 2012

chitr:Icon-edit.gif is lekh ka punarikshan evan sampadan hona avashyak hai. ap isamean sahayata kar sakate haian. "sujhav"

thumb|250px|baandhavagadh rashtriy udyan, umariya baandhavagadh rashtriy udyan ek chhota park hai jo sugathit hone ke sath kheloan se bhara hua hai. baandhavagadh mean baghoan ki sankhh‍ya bharat mean sabase adhik hai. is rashtriy udyan ke mahath‍v aur sanbhavh‍yata ko dekhate hue ise 1993 mean 'projekh‍t taigar netavark' mean jo da gaya tha. is arakshit van ka nam isake madhh‍y mean sthit baandhavagadh paha di (807 mitar) ke nam par rakha gaya hai jo vindhyachal parvat shrriankhala aur satapu da parvatashreni ke poorvi sire ke bich sthit hai aur yah madhy pradesh ke shahadol aur jabalapur ziloan mean hai.

yahaan 22 se sh‍tanadhariyoan ki prajatiyaan tatha 250 pakshi prajatiyaan paee jati hai. yahaan samanh‍y langoor aur risas bandar praimet samooh ka prati‍nidhith‍v karate haian. yahaan pae jane vale maansabhakshiyoan mean eshiyaee bhediyaan, bangali lom di, sh‍l aauth biyar, retal, bhoore mangoos, patti dar haina, jangali bilh‍li, chite aur bagh, yahaan pae jane vale anh‍y jantu hai jangali suar, chittidar hiran, saanbhar, chausiangha, nil gay, chiankara aur gaur. yahaan pae jane vale sh‍tanadhari hai dol, chhoti bharatiy sivet, pam gilahari aur chhote beandikoot choohe kabhi kabhar dekhe ja sakate haian. shakahariyoan mean keval gaur namak jantu paya jata hai jo chara khata hai.

nadiyoan aur daladali sh‍thanoan ki vanash‍ti ke sath anek prakar ke pakshi pae jate haian. inamean se kuchh samanh‍y hai greb, agaret, lesar edajuteant, saras, kren, bh‍laik aibis, laisar visaliang tij, saphed aankhoan vale bajard, bh‍laik kait, kresh‍ted sarpeant iangal, kala gidh, ijiph‍shan gidh, samanh‍y pi phaul, lal jangali phaul, dav, parakit, kiangaphishar aur iandiyan rolar. yahaan pae jane vale sarisrip haian kobara, kret, vaipar, ret sh‍naik, paithan, kachhuean aur varanas sahit kee prakar ki chhipakaliyaan.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

sanbandhit lekh