गोवा के उद्योग: Difference between revisions
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गोवा में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। उर्वरक, रसायन, दवा, लोहा और चीनी उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं। यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है। | [[गोवा]] में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। [[उर्वरक उद्योग|उर्वरक]], रसायन, दवा, लोहा और [[चीनी उद्योग|चीनी]] उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं। यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है। | ||
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गोवा में मत्स्यकी का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि गोवा की 90 प्रतिशत जनसंख्या मत्सय उद्योग में लगी है। एक लाख लोग लगभग मत्स्य उद्योग में कार्यरत हैं। 3220 मछुआरों को राज्य बीमा योजना में शामिल किया गया है। 718 मछुआरों को सेविंग-कम-रीलीफ फंड योजना में शामिल किया गया है।<ref name="भारत की आधिकारिक वेबसाइट"/> | गोवा में मत्स्यकी का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि गोवा की 90 प्रतिशत जनसंख्या मत्सय उद्योग में लगी है। एक लाख लोग लगभग मत्स्य उद्योग में कार्यरत हैं। 3220 मछुआरों को राज्य बीमा योजना में शामिल किया गया है। 718 मछुआरों को सेविंग-कम-रीलीफ फंड योजना में शामिल किया गया है।<ref name="भारत की आधिकारिक वेबसाइट"/> | ||
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गोवा में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। उर्वरक, रसायन, दवा, लोहा और चीनी उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं। यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है।
- राज्य में लघु उद्योगों की संख्या 7110 है।
- 20 औद्योगिक परिसर हैं। राज्य के खनिज उत्पादों में फैरो मैंगनीज, बॉक्साइट, लौह अयस्क आदि शामिल हैं और इनके निर्यात से राज्य की अर्थवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान मिलता है।[1]
- मत्स्यकी
गोवा में मत्स्यकी का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि गोवा की 90 प्रतिशत जनसंख्या मत्सय उद्योग में लगी है। एक लाख लोग लगभग मत्स्य उद्योग में कार्यरत हैं। 3220 मछुआरों को राज्य बीमा योजना में शामिल किया गया है। 718 मछुआरों को सेविंग-कम-रीलीफ फंड योजना में शामिल किया गया है।[1]
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