शिमगो: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''शिमगो''' कोंकणी भाषा में होली को कहते हैं। गोवा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''शिमगो''' [[कोंकणी भाषा]] में [[होली]] को कहते हैं। [[गोवा]] के निवासी होली को शिमगो या शिमगोत्सव के रूप में मनाते हैं।  
'''शिमगो''' [[कोंकणी भाषा]] में [[होली]] को कहते हैं। [[गोवा]] के निवासी होली को शिमगो या शिमगोत्सव के रूप में मनाते हैं।  
==मान्यता==
==उत्सव और मान्यता==
वे इस अवसर पर [[बसंत ऋतु|बसंत]] का स्वागत करने के लिए [[रंग]] खेलते हैं। इसके बाद भोजन में इस मौके पर मांसाहार और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं जिन्हें शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोआ में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
वे इस अवसर पर [[बसंत ऋतु|बसंत]] का स्वागत करने के लिए [[रंग]] खेलते हैं। इसके बाद भोजन में इस मौके पर मांसाहार और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं जिन्हें शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोआ में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।



Revision as of 13:39, 13 March 2013

शिमगो कोंकणी भाषा में होली को कहते हैं। गोवा के निवासी होली को शिमगो या शिमगोत्सव के रूप में मनाते हैं।

उत्सव और मान्यता

वे इस अवसर पर बसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। इसके बाद भोजन में इस मौके पर मांसाहार और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं जिन्हें शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोआ में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख