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सम्पादकीय पृष्ठ- कबीर का कमाल -आदित्य चौधरी
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

border|right|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 19 मार्च 2013

कबीर का कमाल

              सहज होना आनंददायक तो है लेकिन सहज होना बहुत मुश्किल है। सरल और सहज तो आप 'होते' हैं 'बन' नहीं सकते फिर भी प्रयास करते रहने में क्या बुराई है...। सहजता राम जैसी कि तैयार हुए 'राज सिंहासन' के लिए और पल भर में ही जाना पड़ा 'वनवास' के लिए। राम वन को भी सहजता से ही गए। महावीर सहजता में इतने गहरे उतर गए कि 'निवस्त्र' ही रहे। रामकृष्ण परमहंस कहीं बारात में नाच होता देखते तो स्वयं भी नाचने लग जाते। ...पूरा पढ़ें

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