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<div style="padding:3px">[[चित्र:Kumbhalgarh-Udaipur-1.jpg|right|130px|कुम्भलगढ़ दुर्ग, उदयपुर|border|link=मेवाड़]]</div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|100px|border|link=कालिदास]]</div>
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    '''[[मेवाड़]]''' [[राजस्थान]] के दक्षिण मध्य में स्थित एक प्रसिद्ध रियासत थी। सैकड़ों सालों तक यहाँ [[राजपूत|राजपूतों]] का शासन रहा। [[गहलौत राजवंश|गहलौत]] तथा [[सिसोदिया राजवंश|सिसोदिया वंश]] के राजाओं ने 1200 साल तक मेवाड़ पर राज किया था। 17वीं और 18वीं शताब्दी में [[मेवाड़ की चित्रकला]] भारतीय लघु चित्रकला की महत्त्वपूर्ण शैलियों में से एक है। [[मेवाड़ की जातिगत सामाजिक व्यवस्था]] परम्परागत रूप से ऊँच-नीच, पद-प्रतिष्ठा तथा वंशोत्पन्न जातियों के आधार पर संगठित थी। [[मेवाड़ी समाज में स्त्रियों की स्थिति|मेवाड़ी समाज में स्त्रियों]] को अधिक स्वतंत्रता प्राप्त थी। इसके साथ ही निर्णय आदि के कई महत्त्वपूर्ण अधिकार भी उन्हें प्राप्त थे। [[मेवाड़|... और पढ़ें]]</poem>
        '''[[कालिदास]]''' [[संस्कृत]] भाषा के सबसे महान [[कवि]] और नाटककार थे। कलिदास अपनी [[अलंकार]] युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके [[ऋतु]] वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल। [[संगीत]] उनके [[साहित्य]] का प्रमुख अंग है और [[रस]] का सृजन करने में उनकी कोई उपमा नहीं। कालिदास [[शिव]] के भक्त थे। कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, '[[काली]] का सेवक'। कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और [[विक्रमादित्य]] के दरबार के नवरत्नों में एक थे। लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास की शादी [[विद्योत्तमा]] नाम की राजकुमारी से हुई। [[कालिदास|... और पढ़ें]]</poem>
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Revision as of 14:35, 25 June 2013

एक आलेख

        कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान कवि और नाटककार थे। कलिदास अपनी अलंकार युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल। संगीत उनके साहित्य का प्रमुख अंग है और रस का सृजन करने में उनकी कोई उपमा नहीं। कालिदास शिव के भक्त थे। कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, 'काली का सेवक'। कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में एक थे। लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास की शादी विद्योत्तमा नाम की राजकुमारी से हुई। ... और पढ़ें


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