प्रयोग:गोविन्द6: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 14: Line 14:
अक्सर [[नारद|नारद जी]] ही अपने अनूठे प्रश्नों के लिए प्रसिद्ध हैं, तो नारद जी ने भगवान [[कृष्ण]] से पूछा-
अक्सर [[नारद|नारद जी]] ही अपने अनूठे प्रश्नों के लिए प्रसिद्ध हैं, तो नारद जी ने भगवान [[कृष्ण]] से पूछा-
"अब [[द्वापर युग|द्वापर]] के बाद [[कलि युग|कलियुग]] आएगा वह कैसा [[युग]] होगा प्रभु!
"अब [[द्वापर युग|द्वापर]] के बाद [[कलि युग|कलियुग]] आएगा वह कैसा [[युग]] होगा प्रभु!
कृष्ण बोले "देव ऋषि नारद! [[सत युग|सतयुग]], सत्य का युग था। [[त्रेता युग|त्रेता]] मर्यादा का युग था। द्वापर कर्म का युग है और कलियुग न्याय का युग होगा।"
कृष्ण बोले "देवर्षि नारद! [[सत युग|सतयुग]], सत्य का युग था। [[त्रेता युग|त्रेता]] मर्यादा का युग था। द्वापर कर्म का युग है और कलियुग न्याय का युग होगा।"
नारद: "सर्वश्रेष्ठ युग कौन सा होता है प्रभु?" [[भारतकोश सम्पादकीय 9 जुलाई 2013|...पूरा पढ़ें]]
नारद: "सर्वश्रेष्ठ युग कौन सा होता है प्रभु?" [[भारतकोश सम्पादकीय 9 जुलाई 2013|...पूरा पढ़ें]]
</poem>
</poem>

Revision as of 13:33, 9 July 2013

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

border|right|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 9 जुलाई 2013

कल आज और कल

अक्सर नारद जी ही अपने अनूठे प्रश्नों के लिए प्रसिद्ध हैं, तो नारद जी ने भगवान कृष्ण से पूछा-
"अब द्वापर के बाद कलियुग आएगा वह कैसा युग होगा प्रभु!
कृष्ण बोले "देवर्षि नारद! सतयुग, सत्य का युग था। त्रेता मर्यादा का युग था। द्वापर कर्म का युग है और कलियुग न्याय का युग होगा।"
नारद: "सर्वश्रेष्ठ युग कौन सा होता है प्रभु?" ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख घूँघट से मरघट तक · सभ्य जानवर · वोटरानी और वोटर