विदा के बाद प्रतीक्षा -दुष्यंत कुमार: Difference between revisions
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सड़कों पर धूप चिलचिलाती है | सड़कों पर धूप चिलचिलाती है | ||
चिड़िया तक दिखायी | चिड़िया तक दिखायी नहीं देती | ||
पिघले तारकोल में | पिघले तारकोल में | ||
हवा तक चिपक जाती है बहती बहती, | हवा तक चिपक जाती है बहती बहती, | ||
किन्तु इस गर्मी के विषय में किसी से | किन्तु इस गर्मी के विषय में किसी से | ||
एक शब्द | एक शब्द नहीं कहता हूँ मैं। | ||
सिर्फ़ कल्पनाओं से | सिर्फ़ कल्पनाओं से |
Latest revision as of 12:48, 2 September 2013
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परदे हटाकर करीने से |
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