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         '''[[सुभाष चंद्र बोस]]''' के अतिरिक्त [[भारत]] के [[भारत का इतिहास|इतिहास]] में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला हो। [[महात्मा गाँधी|गाँधीजी]] ने भी उनकी देश की आज़ादी के प्रति लड़ने की भावना देखकर ही उन्हें 'देशभक्तों का देशभक्त' कहा था। नेताजी उस समय भारतीयता की पहचान ही बन गए थे और भारतीय युवक आज भी उनसे प्रेरणा ग्रहण करते हैं। वे भारत की अमूल्य निधि थे। 'जयहिन्द' का नारा और अभिवादन उन्हीं की देन है। [[सुभाष चंद्र बोस|... और पढ़ें]]
         '''[[सुमित्रानंदन पंत]]''' [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। हिंदी साहित्य के ‘विलियम वर्ड्सवर्थ’ कहे जाने वाले इस कवि ने महानायक [[अमिताभ बच्चन]] को ‘अमिताभ’ नाम दिया था। आधी सदी से भी अधिक लंबे उनके रचनाकाल में आधुनिक हिंदी कविता का एक पूरा युग समाया हुआ है। [[सुमित्रानंदन पंत|... और पढ़ें]]
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Revision as of 14:41, 13 September 2013

एक व्यक्तित्व

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        सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। हिंदी साहित्य के ‘विलियम वर्ड्सवर्थ’ कहे जाने वाले इस कवि ने महानायक अमिताभ बच्चन को ‘अमिताभ’ नाम दिया था। आधी सदी से भी अधिक लंबे उनके रचनाकाल में आधुनिक हिंदी कविता का एक पूरा युग समाया हुआ है। ... और पढ़ें


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