द्विज: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:शब्द संदर्भ कोश (को हटा दिया गया हैं।))
Line 11: Line 11:
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म]]
[[Category:हिन्दू धर्म]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:शब्द संदर्भ कोश]]
[[Category:शब्द संदर्भ कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 12:13, 21 March 2014

द्विज शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-'द्वि' और 'ज'। इसके अन्तर्गत 'द्वि' का अर्थ होता है- 'दो बार', और 'ज' का अर्थ होता है- 'जन्म लेना'। इस प्रकार दो बार जन्म लेने वाले को द्विज कहा जाता है। द्विज शब्द का प्रयोग सामान्यत: पक्षियों और ब्राह्मणों के लिए किया जाता है।

प्राचीनता

जिस प्रकार पक्षी एक बार अंडे के रूप में जन्म लेता है, और दूसरी बार पक्षी के रूप में, उसी प्रकार ब्राह्मण एक बार माता के गर्भ से शिशु रूप में और दूसरी बार यज्ञोपवीत होने पर ब्राह्मण के रूप में जन्म लेता है। इसीलिए ब्राह्मणों का एक नाम द्विज भी है। पुरातन काल में भी इन्हें द्विज कहकर संबोधित किया जाता था। सवाल यह है, कि क्या वास्तव में ब्राह्मणों का दो बार जन्म होता है, या यह केवल एक परंपरा है।

मान्यता

दरअसल ब्राह्मण परिवार में बालक जब जन्म लेता है, तो वह केवल जन्म से ही ब्राह्मण होता है। उसके कर्म सामान्य इंसानों जैसे ही होते हैं। यह उसका पहला जन्म माना गया है। दूसरा जन्म तब होता है, जब बालक का यज्ञोपवीत किया जाता है। तब उसे वेदाध्ययन और यज्ञ का अधिकार भी मिल जाता है। यज्ञोपवीत के बाद ही बालक ब्राह्मण को यज्ञ करने का अधिकार होता है, तब वह वास्तव में कर्म से भी ब्राह्मण हो जाता है। इस तरह ब्राह्मण के दो जन्म माने गए हैं, इसलिए उन्हें द्विज कहा जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख