नैवेद्य: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} *नैवेद्य एक प्रकार का भोज्य द्रव्य है जो ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
Line 16: | Line 16: | ||
[[Category:नया पन्ना]] | [[Category:नया पन्ना]] | ||
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | ||
[[Category:संस्कृति कोश]] | [[Category:संस्कृति कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 12:13, 21 March 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- नैवेद्य एक प्रकार का भोज्य द्रव्य है जो देवता के निवेदन के लिये प्रयोग किया जाता है। देवता या मूर्ति को भेंट की या चढ़ाई हुई खाद्य वस्तु या भोग नैवेद्य कहलाती है।
- घी, चीनी, श्वेतान्न, दही, फल इत्यादि नैवेद्य द्रव्य कहलाते हैं ।
- मान्यतानुसार नैवेद्य देवता के दक्षिण भाग में रखना चाहिए।
- कुछ ग्रंथों का मत है कि पक्व नैवेद्य देवता के बायीं तरफ तथा कच्चा दाहिनी तरफ रखना चाहिए।
- मान्यतानुसार कहा गया है देवता को भोग लगा हुआ प्रसाद खाने का बड़ा महत्त्व है पर शिव को चढ़ाया हुआ निर्माल्य खाने का निषेध हैं। चढा़ए जानें के उपरांत नैवेद्य द्रव्य निर्माल्य कहलाता है ।
|
|
|
|
|