कवरत्ती द्वीप समूह: Difference between revisions

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==पर्यटन==
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कवरत्ती में नौकायन का मजा लिया जा सकता है। कवरत्ती द्वीप पानी के खेल, तैराकी के लिए आदर्श स्थल है। समुद्र के किनारे रेत पर लेटकर धूप सेंकना पर्यटकों को यहां बहुत भाता है। आप जामनाथ मस्जिद जाकर लकड़ी पर की गई बेहतरीन नक्काशी का नमूना देख सकते है। समुद्र में सैर का लुत्फ उठाने के लिए यहां डोंगी और पॉल नाव किराए पर उपलब्ध रहते हैं। कहा जाता है कि यहाँ के पानी में चमत्कारी शक्ति है। पर्यटक समुद्री जीवन से संबंधित विशाल संग्रह को यहाँ देख सकते हैं। यहां के समुद्री संग्रहालय में जा सकते हैं। काँच के तल वाली नौकाओं से जलीय जीवन का जीवंत और रमणीक दृश्य भी देख सकते हैं। पाल नौकायें नौकायन के लिए किराए पर मिलती हैं। रेतीला सागर तट धूप सेंकने के लिए आदर्श हैं। वर्ष 2006 में यहां 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहां आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज से सबसे लोकप्रिय है।
कवरत्ती में नौकायन का मजा लिया जा सकता है। कवरत्ती द्वीप पानी के खेल, तैराकी के लिए आदर्श स्थल है। समुद्र के किनारे रेत पर लेटकर धूप सेंकना पर्यटकों को यहां बहुत भाता है। आप जामनाथ मस्जिद जाकर लकड़ी पर की गई बेहतरीन नक्काशी का नमूना देख सकते है। समुद्र में सैर का लुत्फ उठाने के लिए यहां डोंगी और पॉल नाव किराए पर उपलब्ध रहते हैं। कहा जाता है कि यहाँ के पानी में चमत्कारी शक्ति है। पर्यटक समुद्री जीवन से संबंधित विशाल संग्रह को यहाँ देख सकते हैं। यहां के समुद्री संग्रहालय में जा सकते हैं। काँच के तल वाली नौकाओं से जलीय जीवन का जीवंत और रमणीक दृश्य भी देख सकते हैं। पाल नौकायें नौकायन के लिए किराए पर मिलती हैं। रेतीला सागर तट धूप सेंकने के लिए आदर्श हैं। वर्ष 2006 में यहां 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहां आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज से सबसे लोकप्रिय है।
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Revision as of 13:16, 3 August 2010

स्थिति

यह केरल के नगर कोचीन के पश्चिमी तट से लगभग 398 किमी दूरी पर है। यह 10°-33’ उत्तर 72°-38’ पूर्व अक्षांश पर स्थित है। कवरत्ती का कुल क्षेत्रफल 4.22 वर्ग किमी है। कवरत्ती लक्षद्वीप समूह की प्रशासनिक राजधानी है। यहाँ पर इस प्रदेश का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह सबसे अधिक विकसित भी है, साथ ही यहाँ द्वीपवासियों के अलावा अन्य लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं। पूरे द्वीप में 52 मस्जिद हैं, सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद है उज्र मस्जिद।

जनसंख्या

सन 2001 की जनगणना के अनुसार कवरत्ती की कुल जनसंख्या 10,113 है, जिसमे 55% पुरुष हैं। महिलाओं का प्रतिशत 45 है। कवरत्ती में साक्षरता की दर 78% है ।

भाषा

कवरत्ती द्वीप समूह में अधिकतर लोग मलयालम बोलते हैं। यहाँ की भाषा-मलयालम, म्हाल और अंग्रेजी है।

जलवायु

यहाँ का अधिकतम तापमान-32 डिग्री से. और न्यूनतम तापमान- 27डिग्री से. होता है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा-160 सेमी है। मॉनसून के दौरान पानी के जहाज की सेवाएं बंद रहती हैं।

परिवहन

  • अगत्ती में लक्षद्वीप का एकमात्र एयरपोर्ट है। अगत्ती नियमित उड़ानों से कोच्चि से जुड़ा हुआ है। कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है।
  • लक्षद्वीप पहुंचने के लिए पानी का जहाज अच्छा विकल्प है। कोच्चि से कुछ यात्री जहाज संचालित होते हैं। जहाज के माध्यम से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 18-20 घन्टे का समय लगता है। मॉनसून के दौरान पानी के जहाज की सेवाएं बंद रहती हैं।

पर्यटन

कवरत्ती में नौकायन का मजा लिया जा सकता है। कवरत्ती द्वीप पानी के खेल, तैराकी के लिए आदर्श स्थल है। समुद्र के किनारे रेत पर लेटकर धूप सेंकना पर्यटकों को यहां बहुत भाता है। आप जामनाथ मस्जिद जाकर लकड़ी पर की गई बेहतरीन नक्काशी का नमूना देख सकते है। समुद्र में सैर का लुत्फ उठाने के लिए यहां डोंगी और पॉल नाव किराए पर उपलब्ध रहते हैं। कहा जाता है कि यहाँ के पानी में चमत्कारी शक्ति है। पर्यटक समुद्री जीवन से संबंधित विशाल संग्रह को यहाँ देख सकते हैं। यहां के समुद्री संग्रहालय में जा सकते हैं। काँच के तल वाली नौकाओं से जलीय जीवन का जीवंत और रमणीक दृश्य भी देख सकते हैं। पाल नौकायें नौकायन के लिए किराए पर मिलती हैं। रेतीला सागर तट धूप सेंकने के लिए आदर्श हैं। वर्ष 2006 में यहां 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहां आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज से सबसे लोकप्रिय है।

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