शौर्य मिसाइल: Difference between revisions

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==शौर्य मिसाइल==
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* उड़ीसा के चांदीपुर में समेकित परीक्षण रेंज से भारत ने 24 सितम्बर 2011 को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अत्याधुनिक स्वदेश निर्मित ‘शौर्य’ बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। रक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि सतह से सतह पर वार करने में सक्षम इस मिसाइल को समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के भूमिगत परिसर क्रमांक-3 से दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर दागा गया। परीक्षण सफल रहा। परीक्षण से पहले एहतियाती उपाय के तौर पर बालेर ज़िला प्रशासन ने प्रक्षेपण स्थल से क़रीब दो किलोमीटर की परिधि में रहने वाले क़रीब 400 परिवारों से क्षेत्र को ख़ाली करा लिया था। इन परिवारों को आज तड़के पास ही स्थित शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था। मिसाइल विकसित करने के चरण में यह दूसरा परीक्षण था। पहला परीक्षण 12 नवंबर 2008 को इसी स्थान से हुआ था जो सफल रहा था। इस मिसाइल का पानी के अंदर से चार बार परीक्षण किया जा चुका है। रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि विकास के चरण में यह प्रायोगिक परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के मौजूदा प्रौद्योगिकी उन्नयन कार्य का हिस्सा है।
'''शौर्य मिसाइल''' या '''शौर्य प्रक्षेपास्त्र''' एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाला सामरिक प्रक्षेपास्त्र है जिसे [[रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन|भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन]] ने [[भारतीय सशस्त्र सेना|भारतीय सशस्त्र बलों]] के उपयोग के लिए विकसित किया है।
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==मारक क्षमता==
इस 750 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल से भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। इस अत्याधुनिक मिसाइल की सबसे बड़ी विशिष्टता इसका आसानी से संचालन एवं निम्न रखरखाव है। इसका आसानी से लंबे समय तक भंडार और परिवहन किया जा सकता है। इसकी अत्यधिक गतिशीलता के कारण यह किसी भी मिसाइल रोधी रक्षा तंत्र को भेद सकता है। मिसाइल का उच्च कौशल उसे मिसाइलरोधी रक्षा पण्रालियों से प्रतिरोध देता है। ‘शौर्य’ अपने साथ एक टन वजनी परमाणु सामग्री और पारंपरिक आयुध को 750 किलोमीटर से अधिक दूरी तक ले जा सकता है। यह दो स्तरों वाले ठोस प्रणोदक पर आधारित मिसाइल है। इसमें ठोस [[ईंधन]] के इस्तेमाल के दो चरण हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अत्याधुनिक मिसाइल उन्नत कम्प्यूटरीकत प्रणाली से युक्त है। यह सटीक नौवहन एवं निर्देशित प्रणाली से युक्त है। इस मिसाइल परियोजना से जुड़े एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा, हमने शौर्य मिसाइल का प्रारूप इस तरह तैयार किया है, जिससे मिसाइल को पानी के अंदर से भी उतनी ही आसानी से दागा जा सकता है जितना भूमि के अंदर से। [[गैस]] से भरे जिस कनस्तर में मिसाइल को रखा जाता है, उसे आसानी से पनडुब्बी में फिट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल को पानी के अंदर से दागने का परीक्षण पूरी तरह से विश्वसनीय होना जरूरी है।


* मिसाइल सिस्टम का यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रौद्योगिकी विकास विभाग के तहत किया गया। समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के निदेशक एस. पी. दास ने आईएएनएस से कहा, "मिसाइल का प्रक्षेपण एकदम सटीक था। इसका मार्ग जो बंगाल की खाड़ी में पूर्व निर्धारित किया गया था उसके अनुसार था।" उन्होंने कहा कि परीक्षण के सभी मापदंडों का निरीक्षण किया गया। पूर्वी तट के सभी राडार स्टेशन, टेलीमेट्री स्टेशन एवं इलेक्ट्रोआप्टिकल स्टेशन ने मिसाइल के मापदंडों का निगरानी किया। मिसाइल ने कुछ ही मिनटों में अपने लक्ष्य को भेद दिया। लक्ष्य के नजदीक स्थित जहाज़ भी इसका गवाह बना। इस 700 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल से भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।


* इस अत्याधुनिक मिसाइल की सबसे बड़ी विशिष्टता इसका आसानी से संचालन एवं निम्न रखरखाव है। इसका आसानी से लंबे समय तक भंडार और परिवहन किया जा सकता है। इसकी अत्यधिक गतिशीलता के कारण यह किसी भी मिसाइल रोधी रक्षा तंत्र को भेद सकता है। मिसाइल का उच्च कौशल उसे मिसाइलरोधी रक्षा पण्रालियों से प्रतिरोध देता है। ‘शौर्य’ अपने साथ एक टन वजनी परमाणु सामग्री और पारंपरिक आयुध को 750 किलोमीटर से अधिक दूरी तक ले जा सकता है। यह दो स्तरों वाले ठोस प्रणोदक पर आधारित मिसाइल है। इसमें ठोस ईंधन के इस्तेमाल के दो चरण हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अत्याधुनिक मिसाइल उन्नत कम्प्यूटरीकत प्रणाली से युक्त है। यह सटीक नौवहन एवं निर्देशित प्रणाली से युक्त है। इस मिसाइल परियोजना से जुड़े एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा, हमने शौर्य मिसाइल का प्रारूप इस तरह तैयार किया है, जिससे मिसाइल को पानी के अंदर से भी उतनी ही आसानी से दागा जा सकता है जितना भूमि के अंदर से। गैस से भरे जिस कनस्तर में मिसाइल को रखा जाता है, उसे आसानी से पनडुब्बी में फिट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल को पानी के अंदर से दागने का परीक्षण पूरी तरह से विश्वसनीय होना जरूरी है।
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Revision as of 11:23, 3 August 2014

शौर्य मिसाइल

शौर्य मिसाइल या शौर्य प्रक्षेपास्त्र एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाला सामरिक प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए विकसित किया है।

परीक्षण

उड़ीसा के चांदीपुर में समेकित परीक्षण रेंज से भारत ने 24 सितम्बर, 2011 को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अत्याधुनिक स्वदेश निर्मित ‘शौर्य’ बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। रक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि सतह से सतह पर वार करने में सक्षम इस मिसाइल को समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के भूमिगत परिसर क्रमांक-3 से दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर दागा गया। परीक्षण सफल रहा। परीक्षण से पहले एहतियाती उपाय के तौर पर बालेर ज़िला प्रशासन ने प्रक्षेपण स्थल से क़रीब दो किलोमीटर की परिधि में रहने वाले क़रीब 400 परिवारों से क्षेत्र को ख़ाली करा लिया था। मिसाइल विकसित करने के चरण में यह दूसरा परीक्षण था। पहला परीक्षण 12 नवंबर 2008 को इसी स्थान से हुआ था जो सफल रहा था। इस मिसाइल का पानी के अंदर से चार बार परीक्षण किया जा चुका है। मिसाइल सिस्टम का यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रौद्योगिकी विकास विभाग के तहत किया गया। समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के निदेशक एस. पी. दास ने आईएएनएस से कहा, "मिसाइल का प्रक्षेपण एकदम सटीक था। इसका मार्ग जो बंगाल की खाड़ी में पूर्व निर्धारित किया गया था उसके अनुसार था।" उन्होंने कहा कि परीक्षण के सभी मापदंडों का निरीक्षण किया गया। पूर्वी तट के सभी राडार स्टेशन, टेलीमेट्री स्टेशन एवं इलेक्ट्रोआप्टिकल स्टेशन ने मिसाइल के मापदंडों का निगरानी किया। मिसाइल ने कुछ ही मिनटों में अपने लक्ष्य को भेद दिया। लक्ष्य के नजदीक स्थित जहाज़ भी इसका गवाह बना।

मारक क्षमता

इस 750 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल से भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। इस अत्याधुनिक मिसाइल की सबसे बड़ी विशिष्टता इसका आसानी से संचालन एवं निम्न रखरखाव है। इसका आसानी से लंबे समय तक भंडार और परिवहन किया जा सकता है। इसकी अत्यधिक गतिशीलता के कारण यह किसी भी मिसाइल रोधी रक्षा तंत्र को भेद सकता है। मिसाइल का उच्च कौशल उसे मिसाइलरोधी रक्षा पण्रालियों से प्रतिरोध देता है। ‘शौर्य’ अपने साथ एक टन वजनी परमाणु सामग्री और पारंपरिक आयुध को 750 किलोमीटर से अधिक दूरी तक ले जा सकता है। यह दो स्तरों वाले ठोस प्रणोदक पर आधारित मिसाइल है। इसमें ठोस ईंधन के इस्तेमाल के दो चरण हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अत्याधुनिक मिसाइल उन्नत कम्प्यूटरीकत प्रणाली से युक्त है। यह सटीक नौवहन एवं निर्देशित प्रणाली से युक्त है। इस मिसाइल परियोजना से जुड़े एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा, हमने शौर्य मिसाइल का प्रारूप इस तरह तैयार किया है, जिससे मिसाइल को पानी के अंदर से भी उतनी ही आसानी से दागा जा सकता है जितना भूमि के अंदर से। गैस से भरे जिस कनस्तर में मिसाइल को रखा जाता है, उसे आसानी से पनडुब्बी में फिट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल को पानी के अंदर से दागने का परीक्षण पूरी तरह से विश्वसनीय होना जरूरी है।


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