एयर इंडिया: Difference between revisions
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'''एयर इंडिया''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Air India'') [[1932]] में टाटा एयरलाइंस के नाम से स्थापित वायुसेवा है, जो अब [[भारत सरकार]] के स्वामित्व में अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात सेवा है। पहली नियमित सेवा का उद्घाटन 1932 में [[जे.आर.डी. टाटा]] द्वारा किया जाता था, जो [[डाक]] व यात्रियों को [[कराची]], [[अहमदाबाद]], बंबई (वर्तमान [[मुंबई]]), बेल्लारी और मद्रास (वर्तमान [[चेन्नई]]) के बीच लाती-ले जाती थी। [[1939]] तक यह त्रिवेंद्रम (वर्तमान [[तिरुवनंतपुरम]]), [[दिल्ली]], कोलंबो, [[लाहौर]] तथा मध्यवर्ती स्थानों तक बढ़ा दी गई। | |चित्र=Air-India-Logo.svg | ||
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'''एयर इंडिया''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Air India'') [[1932]] में टाटा एयरलाइंस के नाम से स्थापित वायुसेवा है, जो अब [[भारत सरकार]] के स्वामित्व में अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात सेवा है। पहली नियमित सेवा का उद्घाटन 1932 में [[जे. आर. डी. टाटा]] द्वारा किया जाता था, जो [[डाक]] व यात्रियों को [[कराची]], [[अहमदाबाद]], बंबई (वर्तमान [[मुंबई]]), बेल्लारी और मद्रास (वर्तमान [[चेन्नई]]) के बीच लाती-ले जाती थी। [[1939]] तक यह त्रिवेंद्रम (वर्तमान [[तिरुवनंतपुरम]]), [[दिल्ली]], कोलंबो, [[लाहौर]] तथा मध्यवर्ती स्थानों तक बढ़ा दी गई।[[चित्र:J.R.D-Tata.jpg|thumb|left|[[जे. आर. डी. टाटा]]]] | |||
==टाटा एयरलाइंस से एयर इंडिया तक== | ==टाटा एयरलाइंस से एयर इंडिया तक== | ||
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद [[1946]] में टाटा एयरलाइंस को सार्वजनिक कंपनी के रूप में एयर इंडिया लिमिटेड के नाम से परिवर्तित कर दिया गया। दो वर्ष बाद बंबई और क़ाहिरा, जिनेवा तथा [[लंदन]] के बीच अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं प्रदान करने हेतु इसे एयर इंडिया एंटरनेशनल लिमिटेड नाम दिया गया। 1953 में इंडियन एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा दो निगम बनाए गए। एक घरेलू सेवाओं के लिए, इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन के नाम से (जिसमें एयर इंडिया लिमिटेड तथा छह छोटी कंपनियों का सम्मिश्रण हुआ) तथा दूसरी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के लिए, एयर इंडिया के रूप में छोटा कर दिया गया, परंतु [[1994]] में पुन: एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। [[1930]] के दशक के मध्य की तुलना में, जब दो-तीन गंतव्यों तक ही सेवा प्रदान की जाती थी, एयर इंडिया आज संसार भर में 44 गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं प्रस्तुत करती है। उसका वायुयान बेड़ा डकोटा और विकर्स वाइकिंग्स से बढ़कर सुपर कौंस्टेलेशन और बोइंग 707 तथा इससे और आगे बोइंग 747-200, बोइंग 747-300, एयरबस 300-बी 4, और एयरबस 310 तक बढ़ गया है। बोइंग 747-200 यान हाल ही में शामिल हुआ है। [[1962]] में एयर इंडिया ने संसार की पहली ऑल जेट वायुसेवा होने का गौरव अर्जित किया। | द्वितीय विश्व युद्ध के बाद [[1946]] में टाटा एयरलाइंस को सार्वजनिक कंपनी के रूप में एयर इंडिया लिमिटेड के नाम से परिवर्तित कर दिया गया। दो वर्ष बाद बंबई और क़ाहिरा, जिनेवा तथा [[लंदन]] के बीच अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं प्रदान करने हेतु इसे एयर इंडिया एंटरनेशनल लिमिटेड नाम दिया गया। [[1953]] में इंडियन एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा दो निगम बनाए गए। एक घरेलू सेवाओं के लिए, इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन के नाम से (जिसमें एयर इंडिया लिमिटेड तथा छह छोटी कंपनियों का सम्मिश्रण हुआ) तथा दूसरी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के लिए, एयर इंडिया के रूप में छोटा कर दिया गया, परंतु [[1994]] में पुन: एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। [[1930]] के दशक के मध्य की तुलना में, जब दो-तीन गंतव्यों तक ही सेवा प्रदान की जाती थी, एयर इंडिया आज संसार भर में 44 गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं प्रस्तुत करती है। उसका वायुयान बेड़ा डकोटा और विकर्स वाइकिंग्स से बढ़कर सुपर कौंस्टेलेशन और बोइंग 707 तथा इससे और आगे बोइंग 747-200, बोइंग 747-300, एयरबस 300-बी 4, और एयरबस 310 तक बढ़ गया है। बोइंग 747-200 यान हाल ही में शामिल हुआ है। [[1962]] में एयर इंडिया ने संसार की पहली ऑल जेट वायुसेवा होने का गौरव अर्जित किया। [[1990]] में एयर इंडिया ने 59 दिन चले अभियान में 488 उड़ानों (इंडियन एयरलाइंस के साथ मिलकर) के द्वारा खाड़ी देशों में फंसे 1,11,711 यात्रियों को सम्मान से [[मुंबई]] पहुंचाया। यह किसी भी वायुसेवा द्वारा नागरियों को स्थानांतरित करने का उस समय तक का सबसे बड़ा साहसिक कार्य था।<ref>पुस्तक- भारत ज्ञानकोश, खंड़,1 |प्रकाशन- एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका (इंडिया) |पृष्ठ संख्या- 262</ref> | ||
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Revision as of 13:31, 3 November 2014
एयर इंडिया
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अन्य नाम | टाटा एयरलाइंस |
स्थापना | 1932 (टाटा एयरलाइंस के रूप में) और 1953 में राष्ट्रीयकरण हुआ। |
संस्थापक | जे. आर. डी. टाटा |
मुख्य केन्द्र | छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (मुम्बई) और इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली) |
अन्य जानकारी | 1990 में एयर इंडिया ने 59 दिन चले अभियान में 488 उड़ानों (इंडियन एयरलाइंस के साथ मिलकर) के द्वारा खाड़ी देशों में फंसे 1,11,711 यात्रियों को सम्मान से मुंबई पहुंचाया। |
बाहरी कड़ियाँ | http://www.airindia.com/index-hnd.htm आधिकारिक वेबसाइट] |
एयर इंडिया (अंग्रेज़ी:Air India) 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से स्थापित वायुसेवा है, जो अब भारत सरकार के स्वामित्व में अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात सेवा है। पहली नियमित सेवा का उद्घाटन 1932 में जे. आर. डी. टाटा द्वारा किया जाता था, जो डाक व यात्रियों को कराची, अहमदाबाद, बंबई (वर्तमान मुंबई), बेल्लारी और मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के बीच लाती-ले जाती थी। 1939 तक यह त्रिवेंद्रम (वर्तमान तिरुवनंतपुरम), दिल्ली, कोलंबो, लाहौर तथा मध्यवर्ती स्थानों तक बढ़ा दी गई।[[चित्र:J.R.D-Tata.jpg|thumb|left|जे. आर. डी. टाटा]]
टाटा एयरलाइंस से एयर इंडिया तक
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में टाटा एयरलाइंस को सार्वजनिक कंपनी के रूप में एयर इंडिया लिमिटेड के नाम से परिवर्तित कर दिया गया। दो वर्ष बाद बंबई और क़ाहिरा, जिनेवा तथा लंदन के बीच अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं प्रदान करने हेतु इसे एयर इंडिया एंटरनेशनल लिमिटेड नाम दिया गया। 1953 में इंडियन एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा दो निगम बनाए गए। एक घरेलू सेवाओं के लिए, इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन के नाम से (जिसमें एयर इंडिया लिमिटेड तथा छह छोटी कंपनियों का सम्मिश्रण हुआ) तथा दूसरी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के लिए, एयर इंडिया के रूप में छोटा कर दिया गया, परंतु 1994 में पुन: एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। 1930 के दशक के मध्य की तुलना में, जब दो-तीन गंतव्यों तक ही सेवा प्रदान की जाती थी, एयर इंडिया आज संसार भर में 44 गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं प्रस्तुत करती है। उसका वायुयान बेड़ा डकोटा और विकर्स वाइकिंग्स से बढ़कर सुपर कौंस्टेलेशन और बोइंग 707 तथा इससे और आगे बोइंग 747-200, बोइंग 747-300, एयरबस 300-बी 4, और एयरबस 310 तक बढ़ गया है। बोइंग 747-200 यान हाल ही में शामिल हुआ है। 1962 में एयर इंडिया ने संसार की पहली ऑल जेट वायुसेवा होने का गौरव अर्जित किया। 1990 में एयर इंडिया ने 59 दिन चले अभियान में 488 उड़ानों (इंडियन एयरलाइंस के साथ मिलकर) के द्वारा खाड़ी देशों में फंसे 1,11,711 यात्रियों को सम्मान से मुंबई पहुंचाया। यह किसी भी वायुसेवा द्वारा नागरियों को स्थानांतरित करने का उस समय तक का सबसे बड़ा साहसिक कार्य था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- भारत ज्ञानकोश, खंड़,1 |प्रकाशन- एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका (इंडिया) |पृष्ठ संख्या- 262
बाहरी कड़ियाँ
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