अवंतिका: Difference between revisions
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'''अवंतिका''' अथवा 'अवंति' प्राचीन समय में [[भारत]] के [[महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] में से एक था। यह जनपद उत्तर एवं दक्षिण दो भागों में विभक्त था। | |||
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*अवंतिका के अन्य प्राचीन प्रचलित नाम हैं - उज्जैन, उज्जैयनी, कनकश्रन्गा आदि। | *अवंतिका के अन्य प्राचीन प्रचलित नाम हैं- 'उज्जैन', 'उज्जैयनी', 'कनकश्रन्गा' आदि। | ||
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Latest revision as of 11:29, 7 November 2014
अवंतिका अथवा 'अवंति' प्राचीन समय में भारत के सोलह महाजनपदों में से एक था। यह जनपद उत्तर एवं दक्षिण दो भागों में विभक्त था।
- उत्तरी भाग की राजधानी उज्जयिनी तथा दक्षिणी भाग की राजधानी महिष्मति थी। उस समय चंद्रप्रद्योत नाम का राजा यहाँ सिंहासन पर आरूढ़ था। प्रद्योत राजा के वंशजों का उज्जयिनी पर लगभग ईसा की तीसरी शताब्दी तक शासन रहा था।
- अवंतिका के अन्य प्राचीन प्रचलित नाम हैं- 'उज्जैन', 'उज्जैयनी', 'कनकश्रन्गा' आदि।
- प्राचीन समय में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से जाना जाने वाला नगर ही आज उज्जैन के नाम से प्रसिद्ध है।
- सभ्यता के उदय से ही यह नगर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना गया है।
- पवित्र क्षिप्रा नदी के दाहिने तट पर स्थित इस नगर को भारत की 'सप्तपुरियों' में से एक माना जाता है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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