जीमूतवाहन: Difference between revisions

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'''जीमूतवाहन''' 12वीं शती में के [[भारत]] के विधि एवं [[धर्म]] के प्रसिद्ध पण्डितों में गिने जाते थे।
'''जीमूतवाहन''' 12वीं शती में के [[भारत]] के विधि एवं [[धर्म]] के प्रसिद्ध पण्डितों में गिने जाते थे। ये पाल युग में हुए थे। 'दायभाग', 'व्यवहार मालवा' तथा '[[कालविवेक]]' आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।


*[[स्मृतियाँ ग्रन्थ|स्मृतियों]] पर लिखने वाले वे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] के सबसे पहले व्यक्तियों में से एक थे।
*[[स्मृतियाँ ग्रन्थ|स्मृतियों]] पर लिखने वाले वे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] के सबसे पहले व्यक्तियों में से एक थे।
*जीमूतवाहन पारिभद्रकुल के [[ब्राह्मण]] थे। इन्होंने 'दायभाग' नामक प्रसिद्ध [[ग्रंथ]] की रचना की थी।
*जीमूतवाहन पारिभद्रकुल के [[ब्राह्मण]] थे। इन्होंने 'दायभाग' नामक प्रसिद्ध [[ग्रंथ]] की रचना की थी।


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जीमूतवाहन 12वीं शती में के भारत के विधि एवं धर्म के प्रसिद्ध पण्डितों में गिने जाते थे। ये पाल युग में हुए थे। 'दायभाग', 'व्यवहार मालवा' तथा 'कालविवेक' आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

  • स्मृतियों पर लिखने वाले वे बंगाल के सबसे पहले व्यक्तियों में से एक थे।
  • जीमूतवाहन पारिभद्रकुल के ब्राह्मण थे। इन्होंने 'दायभाग' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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