ढब्बू जी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 2: Line 2:
'''ढब्बू जी''' [[धर्मयुग पत्रिका|धर्मयुग]] पत्रिका के लिए [[आबिद सुरती]] जी ने आम आदमी को चित्रित करती हुयी एक कार्टून स्ट्रिप बनायीं थी, जो प्रसिद्ध पत्रिका का एक लोकप्रिय अंग बन गया थ। छोटी कद-काठी के और ऊपर से लेकर नीचे तक काले लबादे में ढंके ढब्बू जी ने अपने व्यंग और कटाक्ष से पाठको का दिल जीत लिया था। "ढब्बू जी की वेशभूषा आबिद सुरती साहब ने अपने वकील पिता से ली थी और ढब्बू जी का आगमन एक [[गुजराती]] अख़बार / [[पत्रिका]] से हुआ था। ढब्बू जी धर्मयुग में कैसे आये इसके पीछे भी एक रोचक वाकया है, दरअसल, धर्मयुग के संपादक [[धर्मवीर भारती]] उस समय एक जाने-माने कार्टूनिस्ट की रचना अपनी पत्रिका में प्रकाशित करने की सोच रहे थे जिसमे कुछ हफ़्तों की देरी थी जिसे भरने के लिए उन्होंने आबिद साहब को उन कुछ हफ़्तों के लिए कुछ बनाने को कहा। इस एकदम से मिली पेशकश के चलते आबिद साहब को कुछ और नहीं सूझा तो उन्होंने अपने पुराने चरित्र को एक नया नाम ढब्बू जी देकर 'धर्मयुग' में छपवाना शुरू कर दिया और जो चरित्र सिर्फ कुछ हफ़्तों के लिए फ़िलर की तरह इस्तेमाल होना उसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी की वो पत्रिका का एक नियमित फीचर बन गया"  
'''ढब्बू जी''' [[धर्मयुग पत्रिका|धर्मयुग]] पत्रिका के लिए [[आबिद सुरती]] जी ने आम आदमी को चित्रित करती हुयी एक कार्टून स्ट्रिप बनायीं थी, जो प्रसिद्ध पत्रिका का एक लोकप्रिय अंग बन गया थ। छोटी कद-काठी के और ऊपर से लेकर नीचे तक काले लबादे में ढंके ढब्बू जी ने अपने व्यंग और कटाक्ष से पाठको का दिल जीत लिया था। "ढब्बू जी की वेशभूषा आबिद सुरती साहब ने अपने वकील पिता से ली थी और ढब्बू जी का आगमन एक [[गुजराती]] अख़बार / [[पत्रिका]] से हुआ था। ढब्बू जी धर्मयुग में कैसे आये इसके पीछे भी एक रोचक वाकया है, दरअसल, धर्मयुग के संपादक [[धर्मवीर भारती]] उस समय एक जाने-माने कार्टूनिस्ट की रचना अपनी पत्रिका में प्रकाशित करने की सोच रहे थे जिसमे कुछ हफ़्तों की देरी थी जिसे भरने के लिए उन्होंने आबिद साहब को उन कुछ हफ़्तों के लिए कुछ बनाने को कहा। इस एकदम से मिली पेशकश के चलते आबिद साहब को कुछ और नहीं सूझा तो उन्होंने अपने पुराने चरित्र को एक नया नाम ढब्बू जी देकर 'धर्मयुग' में छपवाना शुरू कर दिया और जो चरित्र सिर्फ कुछ हफ़्तों के लिए फ़िलर की तरह इस्तेमाल होना उसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी की वो पत्रिका का एक नियमित फीचर बन गया"  
==लोकप्रियता==  
==लोकप्रियता==  
[[चित्र:Dhabbuji-and-chor-uchchakke.jpg|thumb|ढब्बू जी और चोर उचक्के]]
इस किरदार की लोकप्रियता को देखकर डायमंड कॉमिक्स के प्रकाशकों ने इन स्ट्रिप्स को सहेजकर कॉमिक्स के रूप में आम-जनता के लिए प्रस्तुत किया और जल्द ही बच्चों और बड़ों सब के बीच यह पात्र पहचाना जाने लगा। डायमंड कॉमिक्स में ढब्बू जी की कुल प्रकाशित कॉमिक्सों में से नीचे आठ कॉमिक्स के नाम प्रस्तुत हैं-  
इस किरदार की लोकप्रियता को देखकर डायमंड कॉमिक्स के प्रकाशकों ने इन स्ट्रिप्स को सहेजकर कॉमिक्स के रूप में आम-जनता के लिए प्रस्तुत किया और जल्द ही बच्चों और बड़ों सब के बीच यह पात्र पहचाना जाने लगा। डायमंड कॉमिक्स में ढब्बू जी की कुल प्रकाशित कॉमिक्सों में से नीचे आठ कॉमिक्स के नाम प्रस्तुत हैं-  
* ढब्बू जी नेता बनने चले
* ढब्बू जी नेता बनने चले

Revision as of 14:09, 24 May 2015

thumb|ढब्बू जी कार्टून स्ट्रिप ढब्बू जी धर्मयुग पत्रिका के लिए आबिद सुरती जी ने आम आदमी को चित्रित करती हुयी एक कार्टून स्ट्रिप बनायीं थी, जो प्रसिद्ध पत्रिका का एक लोकप्रिय अंग बन गया थ। छोटी कद-काठी के और ऊपर से लेकर नीचे तक काले लबादे में ढंके ढब्बू जी ने अपने व्यंग और कटाक्ष से पाठको का दिल जीत लिया था। "ढब्बू जी की वेशभूषा आबिद सुरती साहब ने अपने वकील पिता से ली थी और ढब्बू जी का आगमन एक गुजराती अख़बार / पत्रिका से हुआ था। ढब्बू जी धर्मयुग में कैसे आये इसके पीछे भी एक रोचक वाकया है, दरअसल, धर्मयुग के संपादक धर्मवीर भारती उस समय एक जाने-माने कार्टूनिस्ट की रचना अपनी पत्रिका में प्रकाशित करने की सोच रहे थे जिसमे कुछ हफ़्तों की देरी थी जिसे भरने के लिए उन्होंने आबिद साहब को उन कुछ हफ़्तों के लिए कुछ बनाने को कहा। इस एकदम से मिली पेशकश के चलते आबिद साहब को कुछ और नहीं सूझा तो उन्होंने अपने पुराने चरित्र को एक नया नाम ढब्बू जी देकर 'धर्मयुग' में छपवाना शुरू कर दिया और जो चरित्र सिर्फ कुछ हफ़्तों के लिए फ़िलर की तरह इस्तेमाल होना उसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी की वो पत्रिका का एक नियमित फीचर बन गया"

लोकप्रियता

thumb|ढब्बू जी और चोर उचक्के इस किरदार की लोकप्रियता को देखकर डायमंड कॉमिक्स के प्रकाशकों ने इन स्ट्रिप्स को सहेजकर कॉमिक्स के रूप में आम-जनता के लिए प्रस्तुत किया और जल्द ही बच्चों और बड़ों सब के बीच यह पात्र पहचाना जाने लगा। डायमंड कॉमिक्स में ढब्बू जी की कुल प्रकाशित कॉमिक्सों में से नीचे आठ कॉमिक्स के नाम प्रस्तुत हैं-

  • ढब्बू जी नेता बनने चले
  • ढब्बू जी और बुद्धुराम
  • ढब्बू जी पागल बने
  • ढब्बू जी और चंदू लाल
  • ढब्बू जी और उलटी गंगा
  • ढब्बू जी और चोर उचक्के
  • ढब्बू जी के धमाके
  • ढब्बू जी और दाँतों के डॉक्टर

डायमंड कॉमिक्स में ढब्बू जी की कहानियाँ केवल एक पृष्ठ की होती थी, जो मुख्यतः 4 फ्रेमों में विभाजित रहती थी, इनमें केवल 3 फ्रेम में ही ढब्बू जी अपनी बात बड़ी सरलता से कह जाते थे, चौथे फ्रेम में या तो स्ट्रिप के नाम होता था, या कुछ चुटकुले, पहेलियाँ या अन्य जानकारियाँ।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ढब्बू जी - आबिद सुरती (धर्मयुग/डायमंड कॉमिक्स) (हिन्दी) theiceproject (ब्लॉग)। अभिगमन तिथि: 24 मई, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख