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|चित्र का नाम=कृष्णा नदी
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|पौराणिक उल्लेख=कृष्णा [[बंगाल की खाड़ी]] में मसुलीपट्म के निकट गिरती है। कृष्णा और वेणी के संगम पर माहुली नामक प्राचीन तीर्थ है। [[पुराण|पुराणों]] में कृष्णा को [[विष्णु]] के अंश से संभूत माना गया है।
|पौराणिक उल्लेख=[[पुराण|पुराणों]] में कृष्णा को [[विष्णु]] के अंश से संभूत माना गया है। [[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]]<ref>[[सभा पर्व महाभारत]] 9,20</ref>में कृष्णा को [[कृष्णवेणा नदी|कृष्णवेणा]] कहा गया है और गोदावरी और [[कावेरी नदी|कावेरी]] के बीच में इसका उल्लेख है जिससे इसकी वास्तविक स्थिति का बोध होता है- 'गोदावरी कृष्णवेणा कावेरी च सरिद्वारा'।
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|ऐतिहासिक महत्त्व=
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Revision as of 08:18, 7 June 2016


नवनीत2
अन्य नाम कृष्णवेणा
देश दक्षिण भारत
राज्य महाराष्ट्र
उद्गम स्थल पश्चिमी घाट शृंखला, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र
लम्बाई 1,400 कि.मी.
सहायक नदियाँ भीमा, तुंगभद्रा, गोदावरी, कावेरी
पौराणिक उल्लेख पुराणों में कृष्णा को विष्णु के अंश से संभूत माना गया है। महाभारत सभा पर्व[1]में कृष्णा को कृष्णवेणा कहा गया है और गोदावरी और कावेरी के बीच में इसका उल्लेख है जिससे इसकी वास्तविक स्थिति का बोध होता है- 'गोदावरी कृष्णवेणा कावेरी च सरिद्वारा'।
प्रवाहित क्षेत्र सांगली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश