हुसैन सागर झील: Difference between revisions
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हुसैन सागर झील के बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा [[बुद्ध]] की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का ख़ास कारण है। 350 टन की इस प्रतिमा को यहाँ स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहाँ लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी। यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण झील के बीच स्थित भगवान बुद्ध की 17.5 मी. लंबी पत्थर की प्रतिमा है। यह एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। [[1990]] में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। दो साल बाद 350 टन की इस मूर्ति को पुन: झील के मध्य में स्थापित किया जा सका। | हुसैन सागर झील के बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा [[बुद्ध]] की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का ख़ास कारण है। 350 टन की इस प्रतिमा को यहाँ स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहाँ लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी। यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण झील के बीच स्थित भगवान बुद्ध की 17.5 मी. लंबी पत्थर की प्रतिमा है। यह एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। [[1990]] में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। दो साल बाद 350 टन की इस मूर्ति को पुन: झील के मध्य में स्थापित किया जा सका। | ||
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Revision as of 07:59, 19 July 2016
हुसैन सागर झील
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विवरण | हैदराबाद और सिकंदराबाद के मध्य स्थित हुसैन सागर एक सुंदर झील है। |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
ज़िला | हैदराबाद |
निर्माता | हुसैन शाह |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 17.45°; पूर्व- 78.5° |
मार्ग स्थिति | हुसैन सागर झील से राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद से 37.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | हुसैन सागर झील के बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा बुद्ध की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का ख़ास कारण है। |
कब जाएँ | अक्टूबर से मार्च |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी |
हवाई अड्डा | राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेगमपेट हवाई अड्डा |
रेलवे स्टेशन | सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन, नामपल्ली रेलवे स्टेशन, काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन |
बस अड्डा | महात्मा गाँधी (इम्लिबन) बस अड्डा |
यातायात | टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, साइकिल रिक्शा, बस, आदि |
क्या देखें | लुम्बिनी पार्क, बिरला मंदिर और नेक्लेस रोड |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला |
क्या खायें | हैदराबादी बिरयानी, मिर्ची का सालन, भरवा बैंगन, हलीम, कबाब |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
अद्यतन | 17:32, 30 सितम्बर 2011 (IST)
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हुसैन सागर हैदराबाद और सिकंदराबाद के मध्य स्थित एक सुंदर झील है। हुसैन सागर झील बेगमपेट के समीप हुसैन सागर झील का हैदराबाद में वही स्थान है जो मुंबई में मरीन ड्राइव का है। इसका निर्माण इब्राहिम कुली कुतुब शाह के दामाद हुसैन शाह ने कराया था। उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम पड़ा है। यह झील जुड़वा शहरों के नाम से मशहूर हैदराबाद और सिकंदराबाद को अलग करती है। यहाँ 33 प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोगों की मूर्तियां भी हैं जिसमें नन्नय्या, तिक्कना, इर्रना, रुद्रम्मा, मोल्ला, जशुआ, अन्नमय्या, त्यागय्या, वेमाना और पिंगली वैंकय्या जैसी प्रसिद्व हस्तियां शामिल है। बाद में सन् 1992 में विशेषज्ञों की सहायता से इसे निकाल कर यहाँ स्थापित किया गया। झील के पास लुंबिनी पार्क में संगीतमय फ़व्वारे लगे हैं। ये शाम के समय बेहद सुंदर दिखते हैं।
बुद्ध की प्रतिमा
हुसैन सागर झील के बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा बुद्ध की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का ख़ास कारण है। 350 टन की इस प्रतिमा को यहाँ स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहाँ लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी। यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण झील के बीच स्थित भगवान बुद्ध की 17.5 मी. लंबी पत्थर की प्रतिमा है। यह एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। 1990 में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। दो साल बाद 350 टन की इस मूर्ति को पुन: झील के मध्य में स्थापित किया जा सका।
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