अहोबिल मद्रास: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*मसलीपट्टम- हुबली रेलमार्ग पर नंदयाल स्टेशन से लगभग 3...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
*मसलीपट्टम- हुबली रेलमार्ग पर नंदयाल स्टेशन से लगभग 34 मील दूर है।  
'''अहोबिल''' [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के प्रसिद्ध [[तीर्थ|तीर्थ स्थानों]] में से एक है। नन्दपाल स्टेशन से 22 मील अल्लागड्डा तक मोटर बस और फिर 12 मील पैदल या बैलगाड़ी का मार्ग है। मसलीपट्टम- हुबली रेलमार्ग पर नंदयाल स्टेशन से लगभग 34 मील दूर है। इस प्राचीन तीर्थ का संबंध श्री [[राम]] तथा [[अर्जुन]] से बताया जाता है।  
*इस प्राचीन तीर्थ का संबंध श्री [[राम]] तथा [[अर्जुन]] से बताया जाता है।  
 
*किंवदंती के अनुसार [[नृसिंह अवतार|नृसिंह]] भगवान् का अवतार इसी स्थान पर हुआ था।
यह रामानुज संप्रदाय का एक आचार्य पीठ है। यहाँ के आचार्य शठकोपाचार्य कहे जाते हैं। कहा जाता है कि यहीं प्रगट होकर [[नृसिंह अवतार|नृसिंह भगवान]] ने [[प्रह्लाद]] की रक्षा की। यह दैत्यराज [[हिरण्यकशिपु]] की राजधानी थी। यहाँ शृंगवेलकुंड है। उसके समीप ही नृसिंह मंदिर है। वस्ती के समीप पहाड़ी है। उसके मध्य में तथा शिखर पर भी एक एक मंदिर है। यहीं भवनाशिनी नदी है। यह नव नृसिंह क्षेत्र है।
 
यहाँ नृसिंह भगवान के नौ विग्रह हैं-
# ज्वालानृसिंह
# अहोविल नृसिंह
# मालोल नृसिंह
# कोड नृसिंह
# कारञ्च नृसिंह
# भार्गव नृसिंह
# योगानन्द नृसिंह
# छत्रवट नृसिंह
# पावन नृसिंह
 




Line 7: Line 19:
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम= हिन्दूओं के तीर्थ स्थान|लेखक= सुदर्शन सिंह 'चक्र'|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=|संकलन=|संपादन=|पृष्ठ संख्या=94|url=}}
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{तमिलनाडु के धार्मिक स्थल}}
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:तमिलनाडु]][[Category:तमिलनाडु के धार्मिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 08:07, 15 September 2016

अहोबिल हिन्दुओं के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। नन्दपाल स्टेशन से 22 मील अल्लागड्डा तक मोटर बस और फिर 12 मील पैदल या बैलगाड़ी का मार्ग है। मसलीपट्टम- हुबली रेलमार्ग पर नंदयाल स्टेशन से लगभग 34 मील दूर है। इस प्राचीन तीर्थ का संबंध श्री राम तथा अर्जुन से बताया जाता है।

यह रामानुज संप्रदाय का एक आचार्य पीठ है। यहाँ के आचार्य शठकोपाचार्य कहे जाते हैं। कहा जाता है कि यहीं प्रगट होकर नृसिंह भगवान ने प्रह्लाद की रक्षा की। यह दैत्यराज हिरण्यकशिपु की राजधानी थी। यहाँ शृंगवेलकुंड है। उसके समीप ही नृसिंह मंदिर है। वस्ती के समीप पहाड़ी है। उसके मध्य में तथा शिखर पर भी एक एक मंदिर है। यहीं भवनाशिनी नदी है। यह नव नृसिंह क्षेत्र है।

यहाँ नृसिंह भगवान के नौ विग्रह हैं-

  1. ज्वालानृसिंह
  2. अहोविल नृसिंह
  3. मालोल नृसिंह
  4. कोड नृसिंह
  5. कारञ्च नृसिंह
  6. भार्गव नृसिंह
  7. योगानन्द नृसिंह
  8. छत्रवट नृसिंह
  9. पावन नृसिंह



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

हिन्दूओं के तीर्थ स्थान |लेखक: सुदर्शन सिंह 'चक्र' |पृष्ठ संख्या: 94 |


संबंधित लेख