आग सुलगना: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "स्वरुप" to "स्वरूप")
Line 1: Line 1:
'''आग सुलगना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
'''आग सुलगना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।


'''अर्थ'''- असंतोष के फलस्वरुप बैर विरोध विद्रोह आदि की भावना धीरे-धीरे फैलना।
'''अर्थ'''- असंतोष के फलस्वरूप बैर विरोध विद्रोह आदि की भावना धीरे-धीरे फैलना।


'''प्रयोग'''- इलाके में [[आग]] सुलग रही थी, हवा पाते ही भड़क उठी। - ([[प्रेमचंद]])
'''प्रयोग'''- इलाके में [[आग]] सुलग रही थी, हवा पाते ही भड़क उठी। - ([[प्रेमचंद]])

Revision as of 13:19, 29 October 2017

आग सुलगना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- असंतोष के फलस्वरूप बैर विरोध विद्रोह आदि की भावना धीरे-धीरे फैलना।

प्रयोग- इलाके में आग सुलग रही थी, हवा पाते ही भड़क उठी। - (प्रेमचंद)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र