प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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{'भारतमाता' किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-14 | {'भारतमाता' किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-14 | ||
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-रबीन्द्रनाथ टैगोर | -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
-बेंद्रे | -बेंद्रे | ||
+हुसैन | +[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
-नंदलाल बोस | -[[नंदलाल बोस]] | ||
||एम.एफ. हुसैन प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई | ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। | ||
{'सुरजन' नामक चित्रकार किस शैली का प्रमुख चित्रकार था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-3 | {'सुरजन' नामक [[चित्रकार]] किस शैली का प्रमुख चित्रकार था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-3 | ||
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-बंगाल | -बंगाल | ||
+बूंदी | + [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] | ||
-किशनगढ़ | -किशनगढ़ | ||
-दक्खिनी | -दक्खिनी | ||
||'सुरजन सिंह' नामक चित्रकार बूंदी शैली के प्रमुख चित्रकार थे। इनके द्वारा बूंदी को प्रोत्साहन मिला इनके द्वारा चित्रित कुछ प्रमुख चित्र जैसे-ग्रीष्म में हाथी, कांट निकालती स्त्री आदि प्रिंस ऑफ़ वेल्स म्यूजियम मुंबई में सुरक्षित हैं। | ||'सुरजन सिंह' नामक चित्रकार [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] के प्रमुख चित्रकार थे। इनके द्वारा बूंदी को प्रोत्साहन मिला इनके द्वारा चित्रित कुछ प्रमुख चित्र जैसे-ग्रीष्म में हाथी, कांट निकालती स्त्री आदि प्रिंस ऑफ़ वेल्स म्यूजियम मुंबई में सुरक्षित हैं। | ||
{अबनीन्द्रनाथ टैगोर ने किस माध्यम में अपने चित्र बनाये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-13 | {[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] ने किस माध्यम में अपने चित्र बनाये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-13 | ||
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-टेम्परा | -टेम्परा | ||
-तैल रंग | -[[तैल रंग]] | ||
+जलरंग | +[[जल रंग|जलरंग]] | ||
-गुआश | -गुआश | ||
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, कोलकाता (कलकत्ता) से हुआ। | ||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ। | ||
{राजा रवि वर्मा किस कला के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-13 | {[[राजा रवि वर्मा]] किस कला के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-13 | ||
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-मूर्तिकला | -[[मूर्तिकला]] | ||
-नाट्यकला | -नाट्यकला | ||
+चित्रकला | +[[चित्रकला]] | ||
-नृत्यकला | -नृत्यकला | ||
||राजा रवि वर्मा चित्रकला के लिए प्रसिद्ध हैं। वे विंदेशी चित्रण पद्धति (यूरोपीय चित्रशैली) और तैलीय चित्रशैली की चित्रकला बनाये थे। राजा रवि वर्मा यूरोपीय शैली में भारतीय विषयों पर चित्र बनाने वाले पहले कलाकार थे। इन्होंने थियोडोर जेनसन नामक डच चित्रकार से यूरोपीय शैली की चित्रकारी शिक्षा ली थी। इनकी चित्रकला पौराणिक, धार्मिक और राष्ट्रीय भावना से प्रभावित है। | ||[[राजा रवि वर्मा]] [[चित्रकला]] के लिए प्रसिद्ध हैं। वे विंदेशी चित्रण पद्धति (यूरोपीय चित्रशैली) और तैलीय चित्रशैली की [[चित्रकला]] बनाये थे। राजा रवि वर्मा यूरोपीय शैली में भारतीय विषयों पर चित्र बनाने वाले पहले कलाकार थे। इन्होंने थियोडोर जेनसन नामक डच चित्रकार से यूरोपीय शैली की चित्रकारी शिक्षा ली थी। इनकी चित्रकला पौराणिक, धार्मिक और राष्ट्रीय भावना से प्रभावित है। | ||
{ | {माइकल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति 'डेविड' की कुल ऊंचाई है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-18 | ||
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-15 फुट | -15 फुट | ||
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{भारतीय कलाकारों में किस पर प्रभाववाद का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-23 | {भारतीय कलाकारों में किस पर प्रभाववाद का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-23 | ||
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-रवि वर्मा | -[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] | ||
+राम किंकर | +राम किंकर | ||
-रणवीर सिंह विष्ट | -रणवीर सिंह विष्ट | ||
-रबींद्रनाथ टैगोर | -[[रबींद्रनाथ टैगोर]] | ||
||राम किंकर बैज भारत प्रसिद्ध मूर्तिकार थे। आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में उनकी गणना होती थी। वर्ष 1970 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। शांतिनिकेतन के कलाभवन की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को पढ़ने से इन पर पश्चिमी प्रभाववाद का असर पड़ा और इन्होंने उस कला को अपनी कला में शामिल कर | ||राम किंकर बैज भारत प्रसिद्ध [[मूर्तिकार]] थे। आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में उनकी गणना होती थी। वर्ष [[1970]] में उन्हें [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया। शांतिनिकेतन के कलाभवन की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को पढ़ने से इन पर पश्चिमी प्रभाववाद का असर पड़ा और इन्होंने उस कला को अपनी कला में शामिल कर लिया | ||
{अजंता, एलोरा की गुफाओं को सबसे पहले किसने देखा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-16 | {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा की गुफाओं]] को सबसे पहले किसने देखा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-16 | ||
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+ह्वेनसांग | +ह्वेनसांग | ||
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-एलेक्स | -एलेक्स | ||
-रिचर्ड | -रिचर्ड | ||
||ह्वेनसांग छठीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आया जबकि विकल्प में प्रस्तुत अन्य व्यक्ति बाद में आए इसलिए ह्वेनसांग ने अजंता, एलोरा की गुफाओं को सबसे पहले देखा। | ||[[ह्वेनसांग]] छठीं शताब्दी में [[भारत]] यात्रा पर आया जबकि विकल्प में प्रस्तुत अन्य व्यक्ति बाद में आए इसलिए ह्वेनसांग ने अजंता, एलोरा की गुफाओं को सबसे पहले देखा। | ||
{कांगड़ा किस चित्रकला की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-12 | {कांगड़ा किस [[चित्रकला]] की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-12 | ||
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-मुगल चित्रकला | -[[मुग़ल चित्रकला|मुगल चित्रकला]] | ||
-राजस्थानी चित्रकला | -[[राजस्थानी चित्रकला]] | ||
+पहाड़ी चित्रकला | +[[पहाड़ी चित्रकला]] | ||
-डेकनी चित्रकला | -डेकनी चित्रकला | ||
||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में पहाड़ी चित्रकला शैली को संरक्षण प्रदान किया। कांगड़ा शैली (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र में प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा | ||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में [[पहाड़ी चित्रकला]] शैली को संरक्षण प्रदान किया। [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र में प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा संगीत के मर्मझ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे। | ||
{किस चित्रकार ने 'स्कूल ऑफ़ एथेंस' चित्रित किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-30 | {किस चित्रकार ने 'स्कूल ऑफ़ एथेंस' चित्रित किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-30 |
Revision as of 11:11, 22 November 2017
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