प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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{संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-6 | {संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-6 | ||
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-[[संसद]] | -[[संसद]] की संप्रभुता | ||
+कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व | +कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व | ||
-विधि का शासन | -विधि का शासन | ||
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||विदेशों द्वारा मान्यता राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है। | ||विदेशों द्वारा मान्यता राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है। | ||
{एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक का नाम है | {एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक का नाम क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-2 | ||
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-जे.एस. मिल | -जे.एस. मिल | ||
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{[[भारत]] के योजना आयोग और रेलवे को प्रमुख तौर पर क्रमश: क्या माना जाएगा? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-26 | {[[भारत]] के [[योजना आयोग]] और रेलवे को प्रमुख तौर पर क्रमश: क्या माना जाएगा? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-26 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-वित्तीय और संचार संस्था | -वित्तीय और संचार संस्था | ||
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+स्टॉफ और सूत्र संस्था | +स्टॉफ और सूत्र संस्था | ||
-पूर्ण और अपूर्ण सूत्र संस्था | -पूर्ण और अपूर्ण सूत्र संस्था | ||
||[[भारत]] के योजना और रेलवे के क्रमश: स्टॉफ और सूत्र संस्था माना जा सकता है। मुख्य कार्यपालिका को सहायता तथा परामर्श उपलब्ध कराने के संबंध में दो प्रकार के प्रशासनिक अभिकरण कार्य करते हैं- | ||[[भारत]] के योजना और रेलवे के क्रमश: स्टॉफ और सूत्र संस्था माना जा सकता है। मुख्य कार्यपालिका को सहायता तथा परामर्श उपलब्ध कराने के संबंध में दो प्रकार के प्रशासनिक अभिकरण कार्य करते हैं-.सूत्र अभिकरण 2.स्टॉफ अभिकरण | ||
{[[लोक सभा]] में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां किसे | {[[लोक सभा]] में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां किसे संबोधित की जाती हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं- 139,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[भारत के राष्ट्रपति]] | -[[भारत के राष्ट्रपति]] | ||
-[[प्रधानमंत्री]] | -[[प्रधानमंत्री]] | ||
+अध्यक्ष | +[[लोक सभा अध्यक्ष|अध्यक्ष]] | ||
-संबंधित | -संबंधित | ||
||[[संविधान]] के अनुच्छेद 93 में उपबंधित है कि [[लोक सभा]] यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनेगी और जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होगा तब लोक सभा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी। सदन के कार्य का संचालन शांत एवं व्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष को बहुत शक्तियां प्राप्त हैं। लोक सभा में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां अध्यक्ष को संबोधित की जाती हैं। | ||[[संविधान]] के अनुच्छेद 93 में उपबंधित है कि [[लोक सभा]] यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनेगी और जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होगा तब लोक सभा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी। सदन के कार्य का संचालन शांत एवं व्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष को बहुत शक्तियां प्राप्त हैं। लोक सभा में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां अध्यक्ष को संबोधित की जाती हैं। | ||
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-[[राज्य सभा]] के प्रति | -[[राज्य सभा]] के प्रति | ||
-[[सर्वोच्च न्यायालय]] के प्रति | -[[सर्वोच्च न्यायालय]] के प्रति | ||
||मंत्रिमंडल | ||मंत्रिमंडल (Cabinet), [[मंत्रिपरिषद]] (Council of Ministers) की एक छोटी इकाई है। हमारे संविधान में 'मंत्रिमंडल' शब्द का उल्लेख अनुच्छेद 352 (3) में किया गया है। ब्रिटेन की परंपरा के अनुसार हमारे यहां भी मंत्रिमंडल का अस्तित्व चला आ रहा है। यह हमारी सांविधानिक प्रणाली का एक आवश्यक अंग बन गया है। मंत्रिमंडल नीति-निर्धारण करने वाली सर्वोच्च संस्था है। चूंकि संसदीय प्रणाली सामूहिक उत्तरायित्व के आधार पर कार्य करती है, अत: अनुच्छेद 75 (3) के अंतर्गत यह उत्तरदायित्व लोक सभा (निम्न सदन) के प्रति होता है। | ||
{सामान्यत: ग्राम पंचायत उत्तरदायी नहीं है इसके लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-5 | {सामान्यत: [[ग्राम पंचायत]] उत्तरदायी नहीं है इसके लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-5 | ||
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-ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण | -ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण | ||
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-सन 1980 ई. में | -सन 1980 ई. में | ||
+सन 1979 ई. में | +सन 1979 ई. में | ||
||वर्ष 1979 ई. में मोरारजी देसाई की [[जनता पार्टी|जनता पार्टी]] सरकार ने द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन संसद सदस्य बी.पी. मंडल की | ||वर्ष 1979 ई. में [[मोरारजी देसाई]] की [[जनता पार्टी|जनता पार्टी]] सरकार ने द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन संसद सदस्य बी.पी. मंडल की अध्यक्षता में किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट [[1980]] में प्रस्तुत की और 3743 जातियों की पहचान की, जो सामाजिक एवं शैक्षणिक आधार पर पिछड़ी थीं। ज्ञातव्य है कि 1952 में काका कालेलकर की अध्यक्षता में प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। इसने अपनी रिपोर्ट [[1955]] में प्रस्तुत की। | ||
{निम्न में से कौन एक अधिकार का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-16 | {निम्न में से कौन एक अधिकार का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-16 | ||
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-राज्य का संरक्षण | -राज्य का संरक्षण | ||
+समाज का संरक्षण | +समाज का संरक्षण | ||
||अधिकार की सामान्य धारणा के आधार पर अधिकार के निम्नलिखित आवश्यक लक्षण कहे जा सकते हैं- | ||अधिकार की सामान्य धारणा के आधार पर अधिकार के निम्नलिखित आवश्यक लक्षण कहे जा सकते हैं- 1.सामाजिक स्वरूप, 2.कल्याणकारी स्वरूप, 3.लोकहित में प्रयोग, 4.राज्य का संरक्षण 5.सार्वभौतिकता या सर्वव्यापकता। अत: स्पष्ट है कि 'समाज का संरक्षण' अधिकार का लक्षण नहीं है। | ||
1.सामाजिक स्वरूप, 2.कल्याणकारी स्वरूप, 3.लोकहित में प्रयोग, 4.राज्य का संरक्षण 5.सार्वभौतिकता या सर्वव्यापकता। अत: स्पष्ट है कि 'समाज का संरक्षण' अधिकार का लक्षण नहीं है। | |||
{निम्नलिखित में से किस देश का संविधान एक संघीय दृष्टांत का नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-6 | {निम्नलिखित में से किस देश का संविधान एक संघीय दृष्टांत का नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-6 | ||
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-स्विट्जरलैंड | -स्विट्जरलैंड | ||
-[[ऑस्ट्रेलिया]] | -[[ऑस्ट्रेलिया]] | ||
+ग्रेट ब्रिटेन | +[[ब्रिटेन|ग्रेट ब्रिटेन]] | ||
||ग्रेट ब्रिटेन में एकात्मक शासन प्रणाली है। ब्रिटेन में समस्त शक्तियां केंद्र में निहित हैं। इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया तथा [[भारत]] में संघात्मक शासन प्रणाली है। | ||ग्रेट ब्रिटेन में एकात्मक शासन प्रणाली है। ब्रिटेन में समस्त शक्तियां केंद्र में निहित हैं। इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया तथा [[भारत]] में संघात्मक शासन प्रणाली है। | ||
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+[[मंत्रिपरिषद]] | +[[मंत्रिपरिषद]] | ||
-[[राष्ट्रपति]] | -[[राष्ट्रपति]] | ||
||संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां [[प्रधानमंत्री]] को अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद के पास होती हैं। [[भारतीय संविधान]] के अनुच्छेद 74 में उल्लिखित है कि [[राष्ट्रपति]] को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा प्रधानमंत्री के | ||संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां [[प्रधानमंत्री]] को अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद के पास होती हैं। [[भारतीय संविधान]] के अनुच्छेद 74 में उल्लिखित है कि [[राष्ट्रपति]] को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा प्रधानमंत्री के चयन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 75 में उल्लेख है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[मंत्रिपरिषद]] | ||
Revision as of 12:09, 24 November 2017
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