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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'अमृता कला वीथिका' किस शहर में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-307
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| -भदोही
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| +[[गोरखपुर]]
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| -[[लखनऊ]]
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| -[[कानपुर]]
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| ||'अमृता कला वीथिका' [[गोरखपुर]] में स्थित है। अमृता कला वीथिका गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग से संबंध है।
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| {[[एन.एस. बेंद्रे]] का शिष्य कौन नहीं था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-94,प्रश्न-2
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| +के.एस. कुलकर्णी
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| -शांति दवे
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| -जे.आर. संतोष
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| -[[गुलाम शेख]]
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| ||के.एस. कुलकर्णी, [[एन.एस. बेन्द्रे]] के समकालीन थे। एन.एस. बेंद्रे का जन्म वर्ष [[1910]] में [[इंदौर]] में तथा के.एस. कुलकर्णी का जन्म वर्ष [[1918]] में पूना में हुआ था। के.एस. कुलकर्णी वर्ष [[1972]] में [[बनारस]] विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के डीन पद पर रहे जबकि एन.एस. बेंद्रे बड़ौदा विश्वविद्यालय में [[चित्रकला]] विभाग के प्रोफेसर रहे। विकल्प में वर्णित अन्य चित्रकार एन.एस. बेन्द्रे के शिष्य थे।
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| {रस सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-15
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| +[[अभिनवगुप्त]]
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| -[[आनंदवर्धन]]
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| -सानंदवर्धन
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| -श्रीशंकुक
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| ||अभिनवगुप्त ने रस सिद्धांत की मनोवैज्ञानिक व्याख्या (अभिव्यंजनावाद) कर अलंकार शास्त्र को दर्शन के उच्च स्तर पर प्रतिष्ठित किया तथा प्रत्यभिज्ञा और त्रिक दर्शनों को प्रौढ़ भाष्य प्रदान कर इन्हें तर्क की कसौटी पर व्यवस्थित किया।
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| {'[[मदर टेरेसा]]' सीरीज किसकी रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-16
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| -गणेश पाइन
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| -विकास भट्टाचार्य
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| +[[एम.एफ. हुसैन]]
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| -पी.टी. रेड्डी
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| ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[एम.एफ. हुसैन]]
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| {भारतीय लद्यु चित्रों की [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] का उत्कर्ष किसके समय से हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-5
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| -राव छतर सिंह
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| -राव भाव सिंह
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| -सवाई जय सिंह
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| +राव उम्मेद सिंह
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| ||राव उमेद सिंह (1748-1771 ई.) के समय में [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] का उत्कर्ष हुआ। राव उमेद सिंह ने बूंदी शैली के अंतर्गत रागमाला तथा बारहमासा शैली की चित्रकारी को भी प्रोत्साहन दिया।
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| {बंगाल शैली के जनक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-17
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| |type="()"}
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| -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| +[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| -[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
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| -[[नंदलाल बोस]]
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| ||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ [[शांति निकेतन]] कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ।
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| {विदेशी चित्रण पद्धति के प्रथम भारतीय [[चित्रकार]] कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-15
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| |type="()"}
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| -थिओडोर जेनसन
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| +[[राजा रवि वर्मा]]
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| -जहांगीर सावकला
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| -राजा देव वर्मन
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| ||[[राजा रवि वर्मा]] [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[राजा रवि वर्मा]]
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| {माइकल एंजिलो [[चित्रकार]] होने के साथ ही- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-21
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| -[[वास्तुकार]]
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| -[[कवि]]
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| -[[मूर्तिकार]]
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| +उपर्युक्त सभी
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| ||माइकेल एंजिलो ने 'आदम की उत्पत्ति' नामक चित्र बनाया था।
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| {निम्न में से कौन-सा कलाकार पूर्व पुनरुत्थान कला से संबंधित नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-56
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| |type="()"}
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| -मैसेचियो
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| -पाओलो उचेल्लो
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| -बोत्तिचेल्ली
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| +पिकार्डी
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| ||पिकार्डी पूर्व पुनरुत्थान काल से संबंधित नहीं हैं। शेष पुनरुत्थान काल से संबंधित हैं।
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| {बैले नृत्यों को चित्रित करने वाले प्रभाववादी कलाकार का नाम बताइए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-27
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| |type="()"}
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| -मोने
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| -माने
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| -सिसली
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| +डेगा
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| ||नृत्य गृहों में डेगा को नवीन ढंग से संयोजन करने के लिए समुचित वातावरण एवं अनोखा कृत्रिम प्रकाश जो उनको विशेष पसंद थे। उनके नर्तकियों के चित्र स्वाभाविक वातावरण व गतित्व से सजीव एवं आदर्श आकार व लय से सुडौल बन गए हैं।
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| {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफाएं]] कितने वर्ष में बनकर तैयार हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-20 | | {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफाएं]] कितने वर्ष में बनकर तैयार हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-20 |
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| ||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | | ||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। [[वात्स्यायन]] का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। |
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| {[[उत्तर प्रदेश]] राज्य [[ललित कला अकादमी]] के अध्यक्ष कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-98 | | {[[उत्तर प्रदेश]] राज्य [[ललित कला अकादमी]] के अध्यक्ष कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-98 |