प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] के चित्रकारों का प्रिय विषय क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-17 | |||
{[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] | |||
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-प्रकृति चित्रण | -प्रकृति चित्रण | ||
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|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[जामिनी राय]] | -[[जामिनी राय]] | ||
+ | +राजकुमार | ||
-बी.प्रभा | -बी.प्रभा | ||
-के.एस. कुलकर्णी | -के.एस. कुलकर्णी | ||
||राजकुमार वर्मा का संबंध प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप से था तथा वे [[भारत]] में अमूर्त कला के सबसे महत्त्वपूर्ण एवं पहले [[चित्रकार]] थे। शेष इनसे भिन्न हैं। | ||राजकुमार वर्मा का संबंध प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप से था तथा वे [[भारत]] में अमूर्त कला के सबसे महत्त्वपूर्ण एवं पहले [[चित्रकार]] थे। शेष इनसे भिन्न हैं। | ||
{[[तैयब मेहता]] किस | {[[तैयब मेहता]] किस अंग्रेज़ [[चित्रकार]] से प्रभावित थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-49 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+फ्रांसिस बेकन | +फ्रांसिस बेकन | ||
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-कलर बॉटल | -कलर बॉटल | ||
+प्रकाश का गुण | +प्रकाश का गुण | ||
||हमें वस्तुओं का रंग बोध, प्रकाश की किरणों के द्वारा ही होता है। ये प्रकाश की किरणें वस्तु से प्रतिबिंबित होकर रेटिना। (दृष्टिपटल) तक पहुंचती हैं। ऊर्जा का जो विकिरण हम नेत्रों से अनुभव करते हैं उसे वर्ण या [[रंग]] कहा जाता है। | ||हमें वस्तुओं का रंग बोध, प्रकाश की किरणों के द्वारा ही होता है। ये [[प्रकाश]] की किरणें वस्तु से प्रतिबिंबित होकर रेटिना। (दृष्टिपटल) तक पहुंचती हैं। ऊर्जा का जो विकिरण हम नेत्रों से अनुभव करते हैं उसे वर्ण या [[रंग]] कहा जाता है। | ||
{आलंकारिक आलेखन किन रेखाओं से बनाए जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-54 | {आलंकारिक आलेखन किन रेखाओं से बनाए जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-54 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +लयात्मक रेखा | ||
-ज्यामितिक रेखा | -ज्यामितिक रेखा | ||
-सीधी रेखा | -सीधी रेखा | ||
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|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[जामिनी राय]] | +[[जामिनी राय]] | ||
- | -[[नंनलाल बोस]] | ||
-[[रबींद्रनाथ टैगोर]] | -[[रबींद्रनाथ टैगोर]] | ||
-[[अमृता शेरगिल]] | -[[अमृता शेरगिल]] | ||
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{बिंदुवाद का कलाकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-45 | {बिंदुवाद का कलाकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-45 | ||
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- | -गोगा | ||
+सोरा | +सोरा | ||
-रेन्वार | -रेन्वार | ||
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||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। [[वात्स्यायन]] का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | ||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। [[वात्स्यायन]] का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | ||
{स्वर्णित सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को किस अनुपात में रखा जाता है। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-174,प्रश्न-64 | {स्वर्णित सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को किस अनुपात में रखा जाता है। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-174,प्रश्न-64 | ||
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-4:6 | -4:6 | ||
||स्वार्णिम सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को रखने उकेरने की शुरुआत फिबोनाची श्रेणी के अनुरूप सर्वल घुमाव के साथ की जाती है। इस सिद्धांत [[काग़ज़]] पर चित्र को 2:3 अनुपात में रखा जाता है। | ||स्वार्णिम सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को रखने उकेरने की शुरुआत फिबोनाची श्रेणी के अनुरूप सर्वल घुमाव के साथ की जाती है। इस सिद्धांत [[काग़ज़]] पर चित्र को 2:3 अनुपात में रखा जाता है। | ||
{किसी ठोस घन की कितनी सतहें होती हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-42 | {किसी ठोस घन की कितनी सतहें होती हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-42 |
Revision as of 12:25, 9 December 2017
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