पहेली 24 अप्रॅल 2016: Difference between revisions
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||[[चित्र:Gulabrai.jpg|right| | ||[[चित्र:Gulabrai.jpg|right|100px|बाबू गुलाबराय]]'बाबू गुलाबराय' [[भारत]] के प्रसिद्ध साहित्यकार, निबंधकार और व्यंग्यकार थे। वे हमेशा सरल [[साहित्य]] को प्रमुखता देते थे, जिससे [[हिन्दी भाषा]] जन-जन तक पहुँच सके। [[आधुनिक काल]] के [[निबंध]] लेखकों और आलोचकों में [[बाबू गुलाबराय]] का स्थान बहुत ऊँचा है। उन्होंने आलोचना और निबंध दोनों ही क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और मौलिकता का परिचय दिया है। 'ठलुआ क्लब', 'कुछ उथले-कुछ गहरे' तथा '''फिर निराश क्यों''' उनकी चर्चित रचनाएँ हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'मेरी असफलताएँ' नाम से लिखी थी। आनंदप्रियता बाबू गुलाबराय के [[परिवार]] की एक ख़ास विशेषता रही थी। वह सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबू गुलाबराय]] | ||
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
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