वीरभद्र सिंह: Difference between revisions

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==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
वीरभद्र सिंह [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के सदस्य हैं। वे आठ बार [[विधायक]], पाँच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांचवीं बार [[लोकसभा]] में बतौर [[सांसद]] रह चुके हैं और पिछले आधे दशक में वे कोई चुनाव नहीं हारे। वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1972, 1980, और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके अलावा वे 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2007 तथा 2012 में विधायक रहे। अपने 47 वर्षों के राजनैतिक सफ़र के दौरान उन्होंने 13 चुनाव लड़े और सभी जीते । वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वरिष्ठता के क्रम और हिमाचल प्रदेश के अकेले सांसद होने के कारण  [[28 मई]], [[2009]] को मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनने वाली केंद्र सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ये इस्पाल मंत्री बनाए गये थे। इससे पहले भी वीरभद्र सिंह 1976 से 1977 तक केंद्र में नागरिक उड्डयन तथा पर्यटन राज्यमंत्री और 1982 से 1983 तक केंद्र में उद्योग राज्यमंत्री रहे हैं।
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Revision as of 13:48, 3 January 2018

वीरभद्र सिंह
पूरा नाम वीरभद्र सिंह
जन्म 23 जून, 1934
जन्म भूमि शिमला, हिमाचल प्रदेश
अभिभावक राजा पदम सिंह और श्रीमति शांति देवी
पति/पत्नी श्रीमति प्रतिभा सिंह
संतान 1 पुत्र और 4 पुत्रियाँ
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद पूर्व केंद्रीय मंत्री, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
कार्य काल मुख्यमंत्री-8 अप्रैल 1983 से 5 मार्च 1990 तक; 3 दिसम्बर 199324 मार्च 1998 तक; 6 मार्च 2003 से 30 दिसम्बर 2007 तक; 25 दिसम्बर 2012 से 27 दिसम्बर 2017 तक
शिक्षा स्नातकोत्तर
चुनाव क्षेत्र मंडी, हिमाचल प्रदेश
अन्य जानकारी वीरभद्र सिंह आठ बार विधायक, पाँच बार मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा में बतौर सांसद रह चुके हैं।
अद्यतन‎

वीरभद्र सिंह (अंग्रेज़ी: Virbhadra Singh, जन्म: 23 जून, 1934) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वीरभद्र सिंह तीसरी, चौथी, पाँचवी, सातवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य चुने गये। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई, 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गये थे। राजनीति के अलावा वीरभद्र सिंह ने विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों के साथ भागीदारी की है। वह संस्कृत साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और सोवियत संघ के मित्र की हिमाचल प्रदेश शाखा के अध्यक्ष रहे हैं।

जीवन परिचय

वीरभद्र सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। वे आठ बार विधायक, पाँच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांचवीं बार लोकसभा में बतौर सांसद रह चुके हैं और पिछले आधे दशक में वे कोई चुनाव नहीं हारे। वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1972, 1980, और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके अलावा वे 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2007 तथा 2012 में विधायक रहे। अपने 47 वर्षों के राजनैतिक सफ़र के दौरान उन्होंने 13 चुनाव लड़े और सभी जीते । वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वरिष्ठता के क्रम और हिमाचल प्रदेश के अकेले सांसद होने के कारण 28 मई, 2009 को मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनने वाली केंद्र सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ये इस्पाल मंत्री बनाए गये थे। इससे पहले भी वीरभद्र सिंह 1976 से 1977 तक केंद्र में नागरिक उड्डयन तथा पर्यटन राज्यमंत्री और 1982 से 1983 तक केंद्र में उद्योग राज्यमंत्री रहे हैं।

राजनीतिक सफर

सदस्यता
  • हिमाचल प्रदेश विधान सभा, 1952-1967;
केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री



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