प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 28: | Line 28: | ||
+एल्फ्रेडो रोक्को | +एल्फ्रेडो रोक्को | ||
-रूडोल्फ जेलेन | -रूडोल्फ जेलेन | ||
||एल्फ्रेडो रोक्को ने फॉसीवाद के सिद्धांत का वर्णन इस रूप में किया है कि वह "समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है।" रोक्को इटली में लंबे समय तक राष्ट्रवादियों का नेता था। वह [[इटली]] में नए गठबंधन सरकार में न्यायमंत्री (Minister of Justic) था। उपरोक्त परिभाषा को उसने 1925 में चैम्बर ऑफ़ डिपुटीज के समक्ष भाषण देते हुए कहा था कि समाजवाद का राष्ट्रीय वर्जन प्रत्येक लोगों में | ||एल्फ्रेडो रोक्को ने फॉसीवाद के सिद्धांत का वर्णन इस रूप में किया है कि वह "समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है।" रोक्को इटली में लंबे समय तक राष्ट्रवादियों का नेता था। वह [[इटली]] में नए गठबंधन सरकार में न्यायमंत्री (Minister of Justic) था। उपरोक्त परिभाषा को उसने 1925 में चैम्बर ऑफ़ डिपुटीज के समक्ष भाषण देते हुए कहा था कि समाजवाद का राष्ट्रीय वर्जन प्रत्येक लोगों में ख़ुशी लायेगा। | ||
{"आंग्ला-भाषी जगत में राजनीतिक सिद्धांत मर चुका है, साम्यवादी देशों में वह बंदी हैं और अन्यत्र मर रहा है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-55,प्रश्न-29 | {"आंग्ला-भाषी जगत में राजनीतिक सिद्धांत मर चुका है, साम्यवादी देशों में वह बंदी हैं और अन्यत्र मर रहा है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-55,प्रश्न-29 | ||
Line 87: | Line 87: | ||
||[[चीन]] तथा [[फ्रांस]] में एकात्मक व्यवस्था है। [[ब्रिटेन]] तथा [[जापान]] में संसदीय व्यवस्था है। | ||[[चीन]] तथा [[फ्रांस]] में एकात्मक व्यवस्था है। [[ब्रिटेन]] तथा [[जापान]] में संसदीय व्यवस्था है। | ||
{दबाव समूहों का स्वभाव होता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-108,प्रश्न-27 | {[[दबाव समूह|दबाव समूहों]] का स्वभाव होता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-108,प्रश्न-27 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-राजनीतिक दल के रूप में | -राजनीतिक दल के रूप में | ||
Line 93: | Line 93: | ||
-समूह-अभिकरण के रूप में | -समूह-अभिकरण के रूप में | ||
+अदृश्य सरकार के रूप में | +अदृश्य सरकार के रूप में | ||
||दबाव समूहों को इनकी कार्यशैली के कारण 'अदृश्य सरकार' कहा जाता है। एस. इ. | ||[[दबाव समूह|दबाव समूहों]] को इनकी कार्यशैली के कारण 'अदृश्य सरकार' कहा जाता है। एस. इ. फाइनर ने इन्हें 'अज्ञात साम्राज्य' की संज्ञा दी है। शुम्पीटर ने इन्हें वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में 'गुमनाम साम्राज्य के शासक' कहा है। | ||
{[[भारत]] में 'एपलबी समिति' की स्थापना हुई थी, निम्नलिखित में सुधार करने के लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-131,प्रश्न-17 | {[[भारत]] में 'एपलबी समिति' की स्थापना हुई थी, निम्नलिखित में सुधार करने के लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-131,प्रश्न-17 | ||
Line 101: | Line 101: | ||
-आंग्ल-भारतीय हेतु विशेष प्रावधान | -आंग्ल-भारतीय हेतु विशेष प्रावधान | ||
+भारतीय प्रशासन | +भारतीय प्रशासन | ||
||वर्ष 1953 में लोक प्रशासन के प्रबुद्ध अमेरिकी विद्वान डीन पाल एपलबी ने भारतीय लोक सेवा के संदर्भ में अपनी अनुशंसाएं [[भारत सरकार]] को सौंपी। उनकी अनुशंसा के अनुसार 1954 में [[नई दिल्ली]] में भारतीय लोक 'इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य [[भारत]] में लोक प्रशासन के विधिवत अध्ययन एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करना तथा सरकारी कर्मचारियों को समुचित प्रशिक्षण प्रदान करना है। | |||
{परमाणु अप्रसार संधि पर [[अमेरिका]] और [[सोवियत संघ]] ने कब हस्ताक्षर किया था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-27 | {परमाणु अप्रसार संधि पर [[अमेरिका]] और [[सोवियत संघ]] ने कब हस्ताक्षर किया था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-27 | ||
Line 109: | Line 109: | ||
-1975 के पश्चात | -1975 के पश्चात | ||
-उपर्युक्त सभी असत्य है | -उपर्युक्त सभी असत्य है | ||
||परमाणु अप्रसार संधि पर अमेरिका और सोवियत संघ ने 1971 के पूर्व वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किए थे। | ||परमाणु अप्रसार संधि पर [[अमेरिका]] और सोवियत संघ ने 1971 के पूर्व वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किए थे। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
Revision as of 12:11, 23 February 2018
|