राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान''' भारत सरकार के मह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 31: Line 31:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{भारत सरकार की योजनाएँ}}
[[Category:भारत सरकार की योजनाएँ]][[Category:भारत सरकार]]
[[Category:भारत सरकार की योजनाएँ]][[Category:भारत सरकार]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 06:34, 20 January 2021

राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया मिशन है। हमारे देश में दूसरे देशों की तुलना में स्वच्छता बहुत जरुरी है जिसके लिए भारत सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। इसके लिए भारत सरकार ने कई पहलें भी शुरू की। उन्हीं पहलों में से एक है 'राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन'।

शुरुआत

इस मिशन के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों को स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर सन 2014 को शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान के राष्ट्रव्यापी स्वच्छता पहल का एक हिस्सा है। जिसे महिला एवं बाल विकास के केन्द्रीय मंत्री मेनका गाँधी ने 14 नवंबर सन 2014 को भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जन्म तिथि एवं बाल दिवस पर लोंच किया।

उद्देश्य

इस मिशन का सबसे मुख्य उद्देश्य स्वच्छ आंगनवाड़ी, स्वच्छ परिवेश जैसे खेल के मैदान, स्वयं की स्वच्छता (व्यक्तिगत स्वच्छता / बाल स्वाथ्य), स्वच्छ भोजन, स्वच्छ पेय जल और स्वच्छ शौचालय के लिए है। इस मिशन के तहत लक्ष्य यह है कि स्कूल जाने वाले बच्चों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जा सके। स्कूल शिक्षा, शहरी विकास, पेय जल एवं स्वच्छता, और सूचना एवं प्रचार जैसे विभागों की मदद के साथ महिला एवं बाल विकास द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन का इम्प्लेमेंट किया गया है। इस योजना के तहत स्कूल जाने बाले बच्चों के प्रति घर, स्कूल और सार्वजानिक स्थानों पर साफ-सफाई रखने के लिए जागरूकता का निर्माण किया जा सकता है। कविता, कहानी, छोटे खेल और बच्चों के साथ बातचीत जैसे अनौपचारिक तरीके की मदद के साथ बच्चों के बीच जागरूकता फैलाई जा सकती है।

राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन को लांच करते हुए केन्द्रीय मंत्री मेनका गाँधी का कहना था कि- "बच्चे स्वच्छ भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बच्चे साफ-सफाई के एम्बेसडर बन सकते है, साथ ही वे घर, स्कूल और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए दूसरों को प्रेरित कर सकते है। केन्द्रीय मंत्रालय ने इस अवसर पर बच्चों के मासूम प्रदर्शन के माध्यम से साफ-सफाई का सन्देश लोगों तक पहुँचाने का निर्णय लिया है। स्वच्छता अभियान एक राष्ट्रव्यापी प्रयास है और एक निरन्तरता के आधार पर इसके निरंतर उपायों को शामिल किया जाना चाहिए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बाल स्वच्छता मिशन पर एक किताब का भी विमोचन किया, जो कि जन सहयोग एवं बाल विकास के राष्ट्रीय संस्थान द्वारा तैयार की गई है। बच्चे दर्शकों का मनोरंजन करते हैं और वे सांस्कृतिक कार्यक्रम और विविध वेशभूषा के माध्यम से स्वच्छता के सन्देश को उन तक पहुँचा सकते हैं।

विषय

राष्‍ट्रव्‍यापी बाल स्‍वच्‍छता मिशन के निम्‍नलिखित छह विषय हैं-

  1. स्‍वच्‍छ आंगनवाड़ियाँ
  2. स्‍वच्‍छ आसपास का माहौल यानी खेल का मैदान
  3. व्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता (साफ रहने की आदत/बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य)
  4. साफ भोजन
  5. पीने का साफ पानी
  6. साफ शौचालय

योग्यता

राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन के लिए निम्न योग्यता हैं-

  1. यह मिशन भारत के सभी सरकारी स्कूलों के लिए योग्य है।
  2. इस मिशन के तहत पूरे भारत के सभी आंगनबाड़ियों को कवर किया जाना है।
  3. सभी राज्य, जिला, ब्लॉक्स और ग्राम पंचायत के लिए भी राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन योग्य है।

मिशन के लाभ

राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन के लाभ इस प्रकार हैं-

  1. इस मिशन से बच्चों में स्वच्छता की ओर जागरूकता फैलेगी।
  2. इससे बच्चों में अपने आसपास सफाई रखने की आदत बन सकती है।
  3. बच्चों के माध्यम से लोगों में भी स्वच्छता की ओर ध्यान केन्द्रित होगा, जिससे वे भी अपने आसपास सफाई रख सकेंगे।
  4. उनके आसपास सफाई होगी तो इससे बीमारियाँ नहीं फैलेगी और सभी स्वस्थ रहेंगे।
  5. स्वच्छ भोजन, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ शौचालय रखने की आदत बच्चों में बचपन से बनेगी तो उन्हें आगे जाकर किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं हो सकती।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख