रिहन्द बाँध: Difference between revisions
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'''रिहन्द बाँध''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Rihand Dam'') [[उत्तर प्रदेश]] के [[सोनभद्र ज़िला|सोनभद्र जिले]] के रेनूकोट-शक्तिनगर मार्ग पर पिपरी पर स्थित है। यह रेनूकोट से पांच किलोमीटर दूर है और लगभग 46 कि.मी. उस प्वाइंट से दूर है जहां [[सोन नदी]], रिहन्द बाँध से जुड़ती है। यह क्षेत्र [[छत्तीसगढ़]] के सरगुजा जिले के दक्षिणी हाइलैंड्स के साथ सीमा को साझा करती है।<br /> | |||
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*यह बाँध [[रिहन्द नदी]] पर बना हुआ है। नदी की एक सहायक नदी पर जलाशय को भी बनाया गया है, जिसे 'गोविंद बल्लभ सागर पंत' कहते है। यह जलाशय 450 वर्ग मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। | *यह बाँध [[रिहन्द नदी]] पर बना हुआ है। नदी की एक सहायक नदी पर जलाशय को भी बनाया गया है, जिसे 'गोविंद बल्लभ सागर पंत' कहते है। यह जलाशय 450 वर्ग मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। |
Latest revision as of 17:00, 9 April 2021
thumb|250px|रिहन्द बाँध
रिहन्द बाँध (अंग्रेज़ी: Rihand Dam) उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रेनूकोट-शक्तिनगर मार्ग पर पिपरी पर स्थित है। यह रेनूकोट से पांच किलोमीटर दूर है और लगभग 46 कि.मी. उस प्वाइंट से दूर है जहां सोन नदी, रिहन्द बाँध से जुड़ती है। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के दक्षिणी हाइलैंड्स के साथ सीमा को साझा करती है।
- यह बाँध रिहन्द नदी पर बना हुआ है। नदी की एक सहायक नदी पर जलाशय को भी बनाया गया है, जिसे 'गोविंद बल्लभ सागर पंत' कहते है। यह जलाशय 450 वर्ग मी. क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इस बाँध का निर्माण 1954 में शुरू हुआ। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी आधारशिला रखी।
- 91.44 मी. की ऊंचाई और 934.21 मीटर की लम्बाई वाले इस कंक्रीट ग्रेविटी बाँध का निर्माण 9 वर्ष बाद 6 जनवरी, 1963 को पूरा हुआ। इसका नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर रखा गया।
- बाँध में हाईड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर जेनरेशन द्वारा 300 मेगावाट की बिजली उत्पन्न की जाती है। इसे 'उत्तर प्रदेश हाईड्रो इलेक्ट्रिकसिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रबंधित' करता है।
- रिहन्द बाँध में 61 संयुक्त और स्वतंत्र ब्लॉक है।
- बाँध के पानी को पूरे राज्य में साल भर, खेती योग्य भूमि को सींचने के लिए दिया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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