बिजन कुमार मुखरीजा: Difference between revisions
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*हुगली ब्रांच गवर्नमेंट स्कूल और हुगली मोहसिन कॉलेज, [[हुगली]], [[पश्चिम बंगाल]] से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिजन कुमार मुखरीजा ने [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के तहत सुरेंद्रनाथ लॉ कॉलेज में प्रवेश लिया। | *हुगली ब्रांच गवर्नमेंट स्कूल और हुगली मोहसिन कॉलेज, [[हुगली]], [[पश्चिम बंगाल]] से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिजन कुमार मुखरीजा ने [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के तहत सुरेंद्रनाथ लॉ कॉलेज में प्रवेश लिया। | ||
*वह एम.ए. ([[इतिहास]]), बी.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट), एम.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट) तथा डॉक्टर ऑफ लॉ थे। | *वह एम.ए. ([[इतिहास]]), बी.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट), एम.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट) तथा डॉक्टर ऑफ लॉ थे। |
Revision as of 12:53, 30 August 2022
बिजन कुमार मुखरीजा (अंग्रेज़ी: Bijan Kumar Mukherjea, जन्म- 15 अगस्त, 1891; मृत्यु- 22 फ़रवरी, 1956) भारत के भूतपूर्व चौथे मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। वह 23 दिसम्बर, 1954 से 31 जनवरी, 1956 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे।
- हुगली ब्रांच गवर्नमेंट स्कूल और हुगली मोहसिन कॉलेज, हुगली, पश्चिम बंगाल से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिजन कुमार मुखरीजा ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के तहत सुरेंद्रनाथ लॉ कॉलेज में प्रवेश लिया।
- वह एम.ए. (इतिहास), बी.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट), एम.एल. (गोल्ड मेडलिस्ट) तथा डॉक्टर ऑफ लॉ थे।
- सन 1914 में बिजन कुमार मुखरीजा जूनियर गवर्नमेंट में कलकत्ता बार में शामिल हुए।
- वह जनवरी, 1954 में भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए और इस पर 31 जनवरी, 1956 तक अपनी सेवाएँ दीं।
- जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि एम. पी. शास्त्री की सेवानिवृत्ति पर बिजन कुमार मुखरीजा नये मुख्य न्यायाधीश होंगे, तब बिजन कुमार मुखरीजा ने यह कहते हुए सीजेआई का पद लेने से इंकार कर दिया कि मेहरचंद महाजन उनसे वरिष्ठ हैं। इसीलिये वह यह पद नहीं ले सकते।
- नेहरू जी के दबाब डालने पर उनका कहना था कि 'वह अपनी बारी से पहले सर्वोच्च पद को स्वीकार करने की तुलना में जल्द ही इस्तीफा दे देंगे।'
- बाद में मेहरचंद महाजन ही मुख्य न्यायाधीश बनाये गये और उनके सेवानिवृत्त होने के बाद ही बिजन कुमार मुखरीजा अगले मुख्य न्यायाधीश बने।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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