यवन: Difference between revisions
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*एक जाति जो [[गांधार]] देश की सीमा पर रहती थी। प्राचीन काल में यूनान में रहने वाले लोगों के लिए भी 'यवन' शब्द का प्रयोग होता था ग्रीक लोगों को | *एक जाति जो [[गांधार]] देश की सीमा पर रहती थी। प्राचीन काल में यूनान में रहने वाले लोगों के लिए भी 'यवन' शब्द का प्रयोग होता था ग्रीक लोगों को फ़ारसी में 'यौन' कहा जाता था। मान्यता है कि यवन शब्द इसी यौन का रूपांतर है। [[सिकंदर]] के आक्रमण के समय यवनों का एक उपनिवेश [[अफ़ग़ानिस्तान]] में था। [[मेगस्थनीज]] आदि भारत आने वाले यवन ही थे। [[अशोक]] के शिलालेखों में भी 'यौन' शब्द का उल्लेख मिलता है। इससे पता चलता है कि उस समय इन लोगों ने पश्चिमी भारत में भी एक बस्ती बना ली थी। | ||
*[[महाभारत]] के अनुसार [[ययाति]] पुत्र [[तुर्वसु]] के वंशज थे। पहले ये क्षत्रिय थे, पर ब्राह्मणों से द्वेष रखने के कारण शूद्रों में होने लगी। इनका नंदिनी गाय के योनि प्रदेश से उत्पन्न होना भी बताया गया है। महाभारत युद्ध में ये [[कौरव|कौरवों]] के साथ थे। इससे पूर्व दिग्विजय के समय [[नकुल]] और [[सहदेव]] ने इन्हें पराजित किया था। | *[[महाभारत]] के अनुसार [[ययाति]] पुत्र [[तुर्वसु]] के वंशज थे। पहले ये क्षत्रिय थे, पर ब्राह्मणों से द्वेष रखने के कारण शूद्रों में होने लगी। इनका नंदिनी गाय के योनि प्रदेश से उत्पन्न होना भी बताया गया है। महाभारत युद्ध में ये [[कौरव|कौरवों]] के साथ थे। इससे पूर्व दिग्विजय के समय [[नकुल]] और [[सहदेव]] ने इन्हें पराजित किया था। | ||
Revision as of 19:05, 31 March 2010
यवन / Greek
- एक जाति जो गांधार देश की सीमा पर रहती थी। प्राचीन काल में यूनान में रहने वाले लोगों के लिए भी 'यवन' शब्द का प्रयोग होता था ग्रीक लोगों को फ़ारसी में 'यौन' कहा जाता था। मान्यता है कि यवन शब्द इसी यौन का रूपांतर है। सिकंदर के आक्रमण के समय यवनों का एक उपनिवेश अफ़ग़ानिस्तान में था। मेगस्थनीज आदि भारत आने वाले यवन ही थे। अशोक के शिलालेखों में भी 'यौन' शब्द का उल्लेख मिलता है। इससे पता चलता है कि उस समय इन लोगों ने पश्चिमी भारत में भी एक बस्ती बना ली थी।
- महाभारत के अनुसार ययाति पुत्र तुर्वसु के वंशज थे। पहले ये क्षत्रिय थे, पर ब्राह्मणों से द्वेष रखने के कारण शूद्रों में होने लगी। इनका नंदिनी गाय के योनि प्रदेश से उत्पन्न होना भी बताया गया है। महाभारत युद्ध में ये कौरवों के साथ थे। इससे पूर्व दिग्विजय के समय नकुल और सहदेव ने इन्हें पराजित किया था।