दृष्टकूट

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:22, 29 August 2011 by रेणु (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
शब्द संदर्भ
हिन्दी पहेली, गूढ़, प्रश्न, कठिन प्रश्न।, वह कविता जिसको शब्दों के वाच्यार्थ से न जाना जा सके अपितु प्रसंग और रूढ़ अर्थों की सहायता से जाना जाए।
-व्याकरण    पुल्लिंग, (कर्मवाचक संज्ञा)
-उदाहरण  
-विशेष    इसका एक उदाहरण दृष्टव्य है- कृष्ण वियोग में गोपिकाओं का कथन है- ग्रह, नक्षत्र जुग जोरि अरध करि सोई बनत अब खात। यहाँ ग्रह अर्थात् 9, नक्षत्र अर्थात् 27, जुग अर्थात् 4 को जोरि (जोड़कर) प्राप्त 40 को अरध करि (आशा करके) प्राप्त 'बीस' (अर्थात् बिस=विष) खाते ही अब बनता है।
-विलोम   
-पर्यायवाची   
संस्कृत दृष्ट+कूट
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द दृष्ट, दृष्ट दोष, दृष्टफल, दृष्टवत, दृष्टवाद, दृष्टांत, दृष्टार्थ
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः