त्रिकलिंग

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त्रिकलिंग का उल्लेख कलचुरि नरेश कर्णदेव के अभिलेखों में हुआ है। अभिलेख में 'त्रिकलिंग' नाम से तेलंगाना (आंध्र और मैसूर का तेलुगू प्रदेश) देश का अभिधान किया गया है।

  • कुछ ऐतिहासिकों के अनुसार आंध्र, अमरावती और कलिंग का संयुक्त नाम ही 'त्रिकलिंग' था।
  • त्रिकलिंग को कर्णदेव ने जीत कर अपने राज्य में मिला लिया था।
  • अन्य विद्वानों के अनुसार यह उड़ीसा के उत्कल, कोंगद और कलिंग का संयुक्त नाम था।
  • कुछ लेखकों का मत यह भी है कि त्रिकलिंग उत्तरी कलिंग का नाम था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 414 |

  1. दे. महताब हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा, पृष्ठ 3

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