पंचतत्त्व

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:59, 8 April 2013 by गोविन्द राम (talk | contribs) (Adding category Category:भूगोल कोश (को हटा दिया गया हैं।))
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ये पाँच मूल तत्व को ही पंचतत्त्व माना गया है।

  • पंचतत्त्वों को ही पंचभूत कहते है।
  • पंचतत्त्व भारतीय विचारधारा में जिनसे सारी भौतिक सृष्टि उत्पन्न हुई है। इन्हीं को भूत भी कहते हैं।
  • पंचतत्त्व को ब्रह्मांड में व्याप्त लौकिक एवं अलौकिक वस्तुओं का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष कारण और परिणति माना गया है।
  • ब्रह्मांड में प्रकृति से उत्पन्न सभी वस्तुओं में पंचतत्त्व की अलग-अलग मात्रा मौजूद है।
  • भूतों के स्थूल और सूक्ष्म ये दो भेद माने गए हैं।
  • सांख्य की पाँच तन्मात्राएँ सूक्ष्म भूत हैं।
  • वैशेषिक दर्शन में पहले चार भूतों को अणुरूप माना गया है- अणुओं के संचय से स्थूल भूत उत्पन्न होते हैं।
  • आकाश एक और अविभाज्य कहा गया है।
  • सारी भौतिक सत्ता में ये पाँचों भूत वर्तमान होते हैं।
  • चार्वाक दर्शन में चार ही भूत माने गए हैं क्योंकि आकाश इंद्रियगम्य न होने के कारण उक्त दर्शन में स्वीकृत नहीं हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रामचंद्र पांडेय

बाहरी कड़ियाँ

पंचतत्त्व

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः